India News (इंडिया न्यूज़),Chandrayaan 3: भारत कल (14 जुलाई) चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक उड़ान भरने वाला है। ISRO चंद्रयान- 3 की लॉन्चिंग काल दोपहर 2 बजकर 35 मीनट में श्री हरिकोटा से करेगी। भारत के वैज्ञानिकों का इस बार लक्ष्य है कि चंद्रयान-2 मिशन में आई कुछ खामियों से सीख लेकर मिशन को सफलतापूर्वक किया जाए। मालूम हो कि ISRO ने 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग की थी। लॉन्चिंग के 54 दिन बाद चंद्रयान पृथ्वी से 384,400 किलोमीटर की दूरी तय करके चंद्रमा के पास पंहुचा था। चंद्रयान-2 का रोवर मिशन सफल रहा, लेकिन लैंडर की चंद्रमा पर लैंडिग से पहले इसका सिस्टम से संपर्क टूट गया था।

वहीं अपनी चंद्रयान-2 मिशन की कुछ गलतियों से सीख लेते हुए इस बार इसरों का उद्देश्य है कि चंद्रमा के पास पहुंच कर लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग की जाए। इसके साथ ही इसके दूसरे पार्ट रोवर को भी  चंद्रमा पर सही से भ्रमण कराएं और सही से वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन किया जाए।

चंद्रयान-3 मिशन के लिए सीसीटीसी टीम उत्साहित

बता दें कि ISRO चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग में LVM-3 रॉकेट का इस्तेमाल करेगी। लॉन्चिग के दौरान किसी भी तरह की कम्यूनिकेशन की समस्या ना हो, इसके लिए बीएसएनएल ने श्री हरिकोटा के आसपास किसी भी तरह की खुदाई पर रोक लगा रखी है। लॉन्चिंग के लिए सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (सीसीटीसी) की पूरी टीम उत्साहित है। सीसीटीसी के महाप्रबंधक एल राजशेखर ने बताया कि सीसीटीसी प्रयोगशाला में निर्मित, संयोजन और परीक्षण किए गए कुछ तापमान सेंसर इस ‘चंद्रयान-3’ परियोजना में फिट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये मिशन भारत के लिए एक बड़ा गेम चेंजर होने वाला है और भारत दुनिया के पहले देशों में से एक बनने वाला है। उन्होंने बताया कि ‘चंद्रयान -2’ परियोजना के पाठों से सीखने के बाद, इसरो टीम ने सुधार किए हैं।

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