India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3, दिल्ली: चंद्रयान- 3 के चांद पर उतरने का इंतजार पूरा देश कर रहा है। देश के कई इलाकों में इसके के हवन-पूजन का आयोजन किया गया। इसरो ने लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा लिया गय नया वीडियो जारी किया। एलपीडीसी छवियां ऑनबोर्ड चंद्रमा संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके लैंडर मॉड्यूल को उसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में सहायता करती हैं।

  • 23 को लैंडिग का समय
  • चांद पर काफी गड्डे
  • फेल होने पर एक महीने का इंतजार

इसरो ने अपने ताजा बयान में कहा कि मिशन अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। MOX/ISTRAC पर लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण 23 अगस्त 2023 को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। लेकिन लैंडिग आसान नहीं होगी, इसके कई कारण है।

काफी बोल्डर और क्रेटर

पृथ्वी और चांद के वातावरण और समय में काफी अंतर है। चंद्रयान के डिजाइन में इन बातों का ख्याल रखा गया है। फिर भी कुछ चुनौतियों का सामना चंद्रयान को करना पड़ सकता है। पहली चुनौती तो यह होगी कि चंद्रयान को किसी भी दुर्घटना से बचाने के लिए वर्टिकल वेलोसिटी को सही से नियंत्रित किया जाए। दूसरी चुनौती यह होगी कि चांद की सतह पर काफी बोल्डर और क्रेटर (गड्ढे) हैं इसलिए सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान लैंडर को दिक्कत हो सकती है।

29 दिन का करना होगा इंतजार

चांद पर गड्ढे में सोलर को सूरज की भरपूर रोशनी नहीं मिल पाएगी क्योंकि वहां पर कोई वातावरण नहीं है इसलिए लैंडिंग के लिए पैराशूट या ग्लाइडिं से भी मदद नहीं मिल सकेगी। अगर चंद्रयान 23 को लैंड नहीं कर पाया तो उसे एक महीने इंतजार करना होगा। पृथ्वी के 29 दिनों के बराबर चांद का एक दिन होता है। चांद की सतह पर फिलहाल अंधेरा और 23 को यहां चांद की रोशनी पड़ेगी।

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