India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3: भारत के गौरावशाली मिशन चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर दूसरी बार चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेंनाइजेशन यानि इसरो ने सोमवार को इस काम को अंजाम दिया। इस कामयाबी के बाद इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफलता हासिल की।

बता दें कि इसरो के मिशन कंट्रोल रुम से आदेश के बाद विक्रम लैंडर के चारों इंजनों के चालू किया गया और उम्मीद के मुताबिक विक्रम लैंडर ने खुद को लगभग 40 सेन्टीमीटर तक ऊपर उठाया। इसरो के अनुसार, विक्रम लैंडर ने ऊपर उठने के बाद 30 से 40 सेमी तक की यात्रा की और फिर चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैडिंग करने में कामयाबी हासिल की।

जानें क्या है इसके मायनें

चंद्रमा की सतह पर स्थित विक्रम लैंडर की दूसरी बार चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को इसरो भविष्य के लिए एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहा है। दरअसल ये ‘किक-स्टार्ट’ मिशन भविष्य में चंद्रमा के रहस्यों को खोलने के लिए नमूनों की वापसी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा आने वाले समय में चंद्रमा के साउथ पोल पर मानव मिशन के तैयारी और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ये मिशन काफी ज्यादा महत्वपूर्ण था। गौरतलब है कि अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा जल्द ही चंद्रमा के साउथ पोल पर मानव भेजने की तैयारी में है।

चंद्रमा की सतह पर गुजारे 9 दिन

23 अगस्त को इसरो ने इतिहास रचते हुए चंद्रमा के साउथ पोल पर विक्रम लैडर की सॉफ्ट लैंडिग कराई थी। सोमवार को विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर कामयाब 9 दिन गुजारे। इस दौरान रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा के सतह पर 100 मीटर की सुरक्षित यात्रा की और चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन, एलुमिनियम और सिलिकॉन समेत कई महत्वपूर्ण तत्वों की खोज की है। इसके अलावा कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स भी किए है, जो भविष्य में चांद्रमा के रहस्यों को खोलने में भारी मदद करेंगे।

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