छठ महापर्व का शुभारंभ शुक्रवार से हो गया है, देशभर में यह त्योहार उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। इसी बीच गोंडा के गोंडा के खैरा भवानी मंदिर के पोखरे में साफ-सफाई की तैयारियां लगातार चल रही है, नगर पालिका और मंदिर परिसर के कर्मचारी पोखरे में विसर्जित की गई मूर्तियों के अवशेष निकाल कर बाहर कर रहे हैं, 30 अक्टूबर को छठ पूजा होनी है, जिसको लेकर प्रखंड तैयारियां की जा रही हैं।
महिलाएं उगते हुए सूरज और अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हुए पूजा पाठ करेंगी और अपने परिवार के कल्याण के लिए माता से प्रार्थना करेंगी।
मंदिर में लगभग 40- 45 साल से हो रही पूजा
मंदिर के महंत कैलाश नाथ जी ने कहा है कि लगभग 40- 45 साल से यहां पर छठ पूजा होती है, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं आती हैं और उगते हुए सूरज और अस्त हुए सूरज को अर्घ्य देकर पूजा करती हैं, सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर महिला पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है यहां पर अगर मां लक्ष्मी और दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन ना हो, तो साफ सफाई लगातार बनी रहे कुछ लोगों को समझाया गया, लेकिन इसके बावजूद भी लोग लगातार घर का कचरा यहां फेंक रहे है।
छठ पूजा से एक दिन पहले होगी सफाई
छठ के पर्व पर जिस पोखरे में पूजा-पाठ किया जाता है, वहां का रियलिटी चेक किया गया तो साफ-सफाई के बाद भी लगातार फूलों के अवशेष और बाकी अपशिष्ट पदार्थ पड़े पाए गए, मंदिर के महंत कैलाश नाथ गिरी ने कहा है कि नगर पालिका के कर्मचारी और मंदिर के कर्मचारी साफ सफाई कर रहे हैं मूर्ति विसर्जन के बाद प्रतिमा के अवशेषों को निकाला जा रहा है, छठ पूजा से एक दिन पहले ही पूरी तरीके से साफ-सफाई की जाएगी।
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