India News (इंडिया न्यूज), Converting Muslim Families : सुरक्षा एजेंसियों की यूपी के कुछ राज्यों को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सभी को हिलाकर रख दिया है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि एससी और पिछड़े हिंदू परिवारों के धर्मांतरण के बाद अब ईसाई मिशनरियों की नजर आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम परिवारों पर है। यहां पर पैसा, बच्चों को शिक्षा, उपचार और नौकरी के नाम पर इन परिवारों का बड़े स्तर पर धर्मांतरण किया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक मिशनरियों का मिशन मुस्लिम अवध क्षेत्र के श्रावस्ती से शुरू होकर बहराइच, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी होते हुए अंबेडकरनगर व सुल्तानपुर तक पहुंच गया है। इनका जाल फतेहपुर, महाराजगंज, बस्ती तक फैला हुआ है।
सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में क्या आया
मुस्लिम परिवारों का बड़े स्तर पर हो रहे धर्मांतरण का खुलासा उस वक्त हुआ जब इस साल फरवरी में सीतापुर और रायबरेली से पकड़े गए ईसाई मिशनरी के सदस्यों से पूछताछ की गई। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी गई। रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसके अनुसार, बस्ती मंडल से लगे अयोध्या के सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ मुस्लिम परिवारों ने पूजा पद्धति बदली है।
ये मुस्लिम परिवार अब जुमे की नमाज नहीं अदा करते। मस्जिद जाना कम कर दिया है। उनके बच्चे मदरसों की बजाय लखनऊ और बाराबंकी के प्रतिष्ठित कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे हैं। परिवार की महिलाएं वर्ल्ड विजन संस्था से जुड़कर स्वरोजगार कर रही हैं। उनकी आर्थिक स्थिति समृद्ध हुई है।
धर्म बदल दिया, लेकिन नाम नहीं
आईबी के पूर्व अधिकारी सतीश सिंह की माने तो साल 2020 में मुस्लिम परिवारों के धर्मांतरण का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद नेपाल से सटे गोरखपुर मंडल के महाराजगंज और फिर बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर जिले में भी पांच मुस्लिम परिवारों ने ईसाई धर्म स्वीकारा। लेकिन खास बात ये रही कि इन परिवारों के सदस्यों ने अपना नाम नहीं बदला।