India News (इंडिया न्यूज), CM Yogi In UP Winter Session : यूपी विधानसभा में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन संभल हिंसा पर दोनों तरफ से जमकर बहस हुई। विधानसभा में संभल हिंसा पर बोलते हुए सीएम योगी का रौद्र रूप देखने को मिला। संभल हिंसा पर राजनीति कर रहे विपक्ष पर भी उन्होंने जमकर हमला किया। अपने भाषण में सीएम योगी ने संभल हिंसा पर विपक्ष को दो टूक कहा कि पत्थरबाजी में शामिल एक भी आरोपी बच नहीं पाएगा। सबको सजा मिलकर रहेगी। सीएम योगी ने लोगों को बाबरनामा भी पढ़ने को कहा, उसमें हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ने जाने का जिक्र मिलता है। सीएम योगी ने दंगो को लेकर कहा कि प्रदेश का दंगों का लंबा इतिहास रहा है। यहां सांप्रदायिक दंगें होते रहे हैं। 1972 में आगरा में दंगा हुआ। इसी साल आजमगढ़ में दंगा हुआ, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई। बहराइच में भी 1972 में सांप्रदायिक दंगा हुआ, जिसमें 3 मौते हुईं।
दंगों में आई कमी
1973 में अलीगढ़ में हुए दो समुदाय के बीच हिंसा में 21 लोगों की मौत हो गई थी। इन दंगों के कारण ही प्रदेश का माहौल नकारात्मक हुआ था। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है। दंगों में कमी आई है। लोगों को कानून पर भरोसा है। यही कारण है कि प्रदेश को 40 लाख करोड़ का निवेश मिला है।
सीएम योगी ने उठाया सवाल
हिंदू त्योहारों पर हो रही हिंसा को लेकर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाया और कहा कि मुस्लिमों के जुलूस मंदिरों के सामने से निकलते हैं। लाउडस्पीकर पर गाने बजते हुए जाते हैं, लेकिन कोई दिक्कत नहीं होती है। हिंदू समाज अपनी आस्था के अनुसार यात्रा मस्जिद के सामने निकालती है, तो परेशानी खड़ी हो जाती है। ऐसा क्यों होता है? सीएम योगी ने आगे बोला कि, संभल को 24 नवंबर को सर्वे का काम था। उससे पहले 23 नवंबर को जुमे की नमाज के समय तकरीरें दी गई। इसने क्षेत्र के माहौल को खराब कर दिया। हमने ज्यूडिशल कमीशन बनाने का फैसला किया है। उसकी रिपोर्ट जल्द सदन में पेश की जाएगी।
‘जय श्री राम उकसाने वाला स्लोगन नहीं है’
आक्रामक रूख में बोलते हुए सीएम योगी ने सदन में कहा कि, जय श्री राम उकसाने वाला स्लोगन नहीं है। यह हमारी आस्था से जुड़ा है। कल मैं कहूं कि मुझे अल्लाह हू अकबर पसंद नहीं है, तो आपको किस तरह का लगेगा? इसके बाद सदन में सपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि सपा के समय सुन्नी और शिया के बीच विवाद हुआ करता था। इस विवाद को भाजपा सरकार ने ही दूर किया। अब हिंदुओं को परेशान करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए हमने कहा है कि हम न बंटेंगे और न कटेंगे। अगर मुस्लिम जुलूस हिंदू मोहल्लों और मंदिर के पास से निकाल सकते हैं, लेकिन क्यों हिंदू शोभायात्रा नहीं निकाल सकते।