India News (इंडिया न्यूज), SC On Rahul Gandhi : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अदालत स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों की अनुमति नहीं देगी और अगर ऐसा दोहराया गया तो संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।

यह घटनाक्रम राहुल गांधी द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के एक दिन बाद हुआ है, जिसमें मामले में उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था। मानहानि का यह मामला 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक रैली में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर पर की गई गांधी की टिप्पणियों से उपजा है।

सावरकर को “ब्रिटिश नौकर” कहा था

गांधी ने कथित तौर पर सावरकर को “ब्रिटिश नौकर” कहा था, जिन्हें औपनिवेशिक सरकार से पेंशन मिलती थी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मामले की सुनवाई की। गांधी के वकील ने तर्क दिया कि बयान के जरिए दुश्मनी भड़काने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने गंभीर नाराजगी जताते हुए कहा, “क्या आपके मुवक्किल को पता है कि महात्मा गांधी ने भी ‘आपका वफादार सेवक’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया था? क्या उन्हें पता है कि उनकी दादी ने भी स्वतंत्रता सेनानी को एक पत्र भेजा था?”

कांग्रेस सांसद को कोर्ट ने लगाई लताड़

अदालत ने कांग्रेस सांसद को इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज करने की सख्त सलाह देते हुए कहा, “आप एक राजनीतिक नेता हैं। आपको इस तरह की टिप्पणी क्यों करनी चाहिए? ऐसा न करें। अगर भड़काने का इरादा नहीं था, तो इस तरह के बयान क्यों दिए?”

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी के लिए कार्यवाही पर रोक लगाने पर सहमति जताई, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि राहुल गांधी को इस तरह की टिप्पणी नहीं दोहरानी चाहिए। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा, “हमें बहुत स्पष्ट होना चाहिए। आगे कोई भी बयान दिया गया तो हम उस पर स्वतः संज्ञान लेंगे। हम किसी को भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देंगे।”

पीठ ने यह भी कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने ये बयान महाराष्ट्र के अकोला में दिए थे – एक ऐसा स्थान जहां सावरकर का सम्मान किया जाता है। वकील नृपेंद्र पांडे ने रैली के दौरान गांधी पर जानबूझकर सावरकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गांधी की टिप्पणी सावरकर को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

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