Congress: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार (24/03/2023) को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द किया जाना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और एक ‘निंदनीय’ कदम है। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने लोकतांत्रिक मूल्यों की कमी को उजागर किया है हम सभी को अपने लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है।
किस मामले में दोषी पाए गए राहुल?
साल 2019 में राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ का इस्तेमाल करते हुए कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित करते बयान दिया था। इस बयान पर गुजरात के बीजेपी के एक नेता ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था, जिसको लेकर कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए राहुल को दो साल की सजा सुनाई। हालांकि राहुल गांधी अभी जेल में नही है। क्योकिं कोर्ट ने उन्हें तुरंत जमानत दे दी थी और सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया ताकि राहुल अगर चाहें तो कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकें।
क्या है पूरा मामला?
2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि आखिर सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं? इस टिप्पणी पर काफी बवाल मचा था। जिसके बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामला दर्ज करवाया था। कहा गया कि राहुल गांधी का बयान पूरे मोदी समाज के लिए अपमानजनक है और इससे पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया गया है।
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