Nasal Corona Vaccine: कोविड-19 की बूस्टर डोज के लिए पिछले सप्ताह से मची मारामारी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत बायोटेक की नेजल कोविड वैक्सीन को बूस्टर के तौर पर देने की अनुमति दे दी है। बता दें कि भारत में बनी इस वैक्सीन का इस्तेमाल वैक्सीनेशन प्रोग्राम में किया जाएगा। इसे 18 से ज्यादा की उम्र के लोगों को बूस्टर के तौर पर दिया जाएगा और शुक्रवार शाम से ये को-विन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
बिना सुई वाली इस बूस्टर डोज के बारे में जानें पूरी जानकारी
आपको बता दें कि नाक से दी जाने वाली दुनिया की पहली कोविड-19 रोधी दवा ‘इनकोवैक’ (बीबीवी154) को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपात स्थिति में बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई दो बूंदों वाली ये नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन को चीन और अन्य देशों में कोरोना मामलों में आए उछाल के बाद मंजूरी दी है।
इस वैक्सीन को कौन लगवा सकता है?
जानकारी के अनुसार, 18 की उम्र से ज्यादा के लोग इस वैक्सीन के बूस्टर शॉट के लिए पात्र हैं। जो लोग कोविशील्ड और कोवैक्सीन की डोज लगवा चुके हैं, वो इसे हेटेरोलॉगस बूस्टर डोज के तौर पर ले सकते हैं। हेटेरोलॉगस बूस्टिंग में, एक व्यक्ति को प्राथमिक खुराक के लिए इस्तेमाल किए गए टीके से अलग टीका लगाया जाता है।
कहां से और कब आपको लग सकती है ये वैक्सीन?
ये वैक्सीन प्राइवेट सेंटर्स पर उपलब्ध होगी। इसे शुक्रवार शाम को को-विन प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
कितनी प्रभावी है ये वैक्सीन
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक का मानना है कि नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन के कई फायदे हैं क्योंकि नाक वैक्सीन देने का काफी सही रूट है। ऐसा नाक म्यूकोसा की संगठित प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण है। ये गैर-इनवेसिव और सुई रहित भी है और इसे आसानी से दिया जा सकता है क्योंकि इसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत नहीं होती है।
बूस्टर डोज लेना क्यों है जरूरी
जब कोविड-19 जैसी बीमारी के खिलाफ टीकाकरण की बात आती है तो बूस्टर शॉट इसके प्रोसीजर का एक हिस्सा हैं। बूस्टर शॉट शरीर के इम्यून सिस्टम को वायरस से सुरक्षा करने की याद दिलाने के लिए लगाए जाते हैं। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। कोविड बूस्टर बुजुर्ग या फिर जिनकी बीमारी के चलते रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है ऐसे लोगों के लिए आवश्यक है।