Corruption and Illegal Recovery Case

इंडिया न्यूज, मुंबई:

Corruption and Illegal Recovery Case भ्रष्टाचार और अवैध वसूली जैसे कई आरोपों से घिरे मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। शुक्रवार को परमबीर सिंह पर कई संगीन आरोप लगाते हुए सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शमशेर खान पठान ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह द्वारा आतंकवादी अजमल कसाब से बरामद फोन जांच या परीक्षण के दौरान पेश नहीं किया गया था। उन्होंने इस संबंध में इस साल जुलाई में वर्तमान मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

Corruption and Illegal Recovery Case पठान ने यह आरोप लगाए

मुंबई पुलिस प्रमुख को लिखे पत्र में, पठान ने कहा कि 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान, तत्कालीन डीआईजी एटीएस परम बीर सिंह ने आतंकवादी अजमल कसाब के फोन को जब्त कर लिया। फोन कभी भी जांच या परीक्षण के दौरान पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने इस साल जुलाई में इस बारे में एक पत्र लिखा था। उन्हें (परम बीर सिंह) सबूतों को नष्ट करने के लिए एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

उन्होंने इस बरामद सबूत को आईएसआईएस को बेच दिया होगा या फिर जबरन वसूली के लिए जानकारी का इस्तेमाल किया होगा। इस मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि मेरे पास इस बारे में सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन मुझे पता है कि केस के दौरान कसाब का फोन हमारे पास नहीं था।

इसलिए फोन पेश नहीं किया गया। केवल जांच अधिकारी या संबंधित लोग ही प्रतिक्रिया दे सकते हैं। मुझे पता है कि उन 10 हमलावरों को 5 समूहों में बांटा गया था और प्रत्येक समूह के पास 1 मोबाइल फोन था। कसाब का फोन परीक्षण के दौरान उपयोग में नहीं था।

Corruption and Illegal Recovery Case  26 नवंबर को कसाब ने किया था हमला

कसाब लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों में से एक था, जो पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से मुंबई आया था। आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2011 को मुंबई में कई जगहों पर हमले किए। इसमें कई लोगों की जान चली गई। कई पुलिसकर्मी भी शहीद हुए। जवाबी कार्रवाई में नौ आतंकवादी मारे गए। कसाब को जिंदा पकड़ा गया। उसे 2012 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

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