India News (इंडिया न्यूज), ANKITA BHANDAR MURDER CASE: उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार 3 साल बाद  कोर्ट का फैसला आ ही गया। कोटद्वार एडीजे कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की सितंबर 2022 में यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में हत्या कर दी गई थी और उसका शव नदी में फेंक दिया गया था। इसके बाद पूरे उत्तराखंड में इस मामले को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। सरकार ने भी इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की थी। अब तीन साल बाद इस मामले में फैसला आया है। चलिए जाने हैं कि इस केस मे अबतक क्या-क्या हुआ।

30 जनवरी को पहली सुनवाई

यह मामला साल 2022 में 18 सितंबर का है, जब पौड़ी की रहने वाली अंकिता भंडारी रिजॉर्ट के रिसेप्शन पर काम करती थी। यहीं पर रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि इन तीनों ने मिलकर अंकिता की हत्या कर दी। जिसके बाद उसके शव को चीला नहर में फेंक दिया। बाद में अंकिता का शव इसी नहर से बरामद हुआ था। इस पूरे मामले को लेकर पूरे उत्तराखंड में काफी बवाल मचा था। राज्य में विवाद बढ़ता देख सरकार ने 24 घंटे के अंदर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इतना ही नहीं सरकार ने इस पूरे मामले को लेकर तुरंत एक एसआईटी का गठन भी कर दिया था।

500 पन्नों की चार्जशीट की गई दाखिल

आरोपों और लोगों के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस पूरे मामले की जांच कर रही टीम ने अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 500 पन्नों का चार्जशीट पेश किया। इस मामले में 28 मार्च को गवाही शुरू हुई थी। इस दौरान सरकार ने परिवार को करीब 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी। इसके साथ ही जांच टीम ने इस पूरे मामले में 97 लोगों को गवाह बनाया और उनमें से 47 को गवाही के लिए कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान परिवार बार-बार यह मुद्दा उठाता रहा कि उन्हें वकील बदलना पड़ रहा है, इसलिए सरकार ने परिवार की मांग पर तीन बार अलग-अलग सरकारी वकील बदले।

परिवार को सरकारी नौकरी की घोषणा

मामला कोर्ट में चल रहा था और इधर, परिवार की मांग और जनाक्रोश को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अंकित भंडारी के पिता और भाई को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। ताकि परिवार का कुछ हद तक भरण-पोषण हो सके। बताया जाता है कि अंकिता भंडारी ही पूरे परिवार का भरण-पोषण कर रही थी। हालांकि, इस मामले में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

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मजबूत पैरवी के कारण मिली सजा

इधर, कोर्ट में मामला चलता रहा। आरोपी ने लगातार कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी भी दाखिल की, लेकिन सरकारी वकील के बेहतर प्रदर्शन का नतीजा यह रहा कि कोर्ट ने 3 साल में एक बार भी आरोपी की अर्जी पर कोई संज्ञान नहीं लिया। इस मामले की सुनवाई पहली बार 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार की एडीजे कोर्ट में हुई थी। आज 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है।

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