India News (इंडिया न्यूज), Land For Jobs Case: प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को नौकरी के बदले जमीन मामले में एजेंसी की लंबित जांच के निष्कर्ष को अंतिम रूप देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। जिसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के अलावा उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव शामिल हैं। ईडी के विशेष लोक अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने अपने आदेश में कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि ईडी दो सप्ताह के भीतर किसी भी शेष जांच के निष्कर्ष को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा। साथ ही यह भी नोट किया गया कि ईडी की मुख्य शिकायत (चार्जशीट) पहले से ही अदालत के समक्ष है।
कोर्ट ने दिया ईडी को आदेश
बता दें कि, एसपीपी मनीष जैन ने न्यायाधीश को बताया कि आगे की जांच प्राथमिकता और शीघ्रता के आधार पर की जा रही है। इसके अतिरिक्त, ईडी को आरोपियों की तरफ से जवाब दाखिल करने का समय दिया गया, जिन्होंने एजेंसी से अप्रकाशित दस्तावेज मांगे थे। वहीं यह मामला अब 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 फरवरी को राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और सह आरोपी हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दे दी थी। दरअसल, ईडी ने अपनी चार्जशीट में राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को शामिल किया है। इस मामले में दो फर्मों एके इंफोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट को ईडी की तरफ से आरोपी बनाया गया है।
राबड़ी समेत कई लोग चार्जशीट में आरोपी
बता दें कि इस मामले में सात भूमि पार्सल शामिल हैं, जो बाद में कथित तौर पर राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव को बेच दिए गए। इससे पहले एसपीपी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि यादव अपराध की आय के लाभार्थी थे। कात्याल को पूर्व रेल मंत्री, परिवार के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का करीबी सहयोगी माना जाता है। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद के रिश्तेदारों के साथ लेनदेन में शामिल होने के आरोपी अमित कात्याल के खिलाफ ईडी की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था।