India News (इंडिया न्यूज), COVID-19 Cases in India: देशभर में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल सक्रिय मामले बढ़कर 3,758 हो गए हैं। इनमें से 1,818 लोग पूरी तरह ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि अब तक 28 लोग इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा मौतें केरल और महाराष्ट्र से हुई हैं, जहां 7-7 लोगों की मौत हुई है, जबकि दिल्ली में अब तक कोरोना संक्रमण से 3 लोगों की मौत हुई है।
पिछले 24 घंटे में मिले 363 नए केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 363 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 383 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया, जबकि 2 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई। देश में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य केरल है, जहां अब तक 1400 मामले सामने आ चुके हैं। यहां पिछले 24 घंटे में 64 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 131 लोगों ने कोविड-19 वायरस को मात दी है। इस दौरान यहां एक मरीज की मौत भी हुई।
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दिल्ली में कोरोना के कितने मरीज?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब तक कुल 436 कोरोना मरीज दर्ज किए गए हैं। इनमें से 357 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि 3 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 61 नए कोविड मामले सामने आए हैं, जबकि 91 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने, अनावश्यक भीड़ से बचने और मास्क पहनने, हाथ धोने जैसी सावधानियों का पालन करने की अपील की है। जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन की बूस्टर खुराक नहीं ली है, उन्हें जल्द से जल्द इसे लेने की सलाह दी जा रही है।
इस वजह से बढ़ रहे कोरोना के मामले
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय SARS-COV2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में NB 1.8.1 और LF.7 – JN.1 कोविड वेरिएंट पाए गए हैं। इन वेरिएंट की वजह से ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इससे संक्रमित मरीजों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और थकावट जैसे लक्षण दिख सकते हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अभी तक दोनों वेरिएंट को चिंताजनक नहीं बताया है। इन वेरिएंट में प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता हो सकती है, हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वे लंबे समय तक और गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।