India News (इंडिया न्यूज), Indus Water Treaty : जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि, पाकिस्तान को पानी की एक भी बूंद न मिले – भारत यह सुनिश्चित करने के लिए तीन योजनाओं पर काम कर रहा है । जल शक्ति मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश को पानी की आपूर्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली के पास तीन योजनाएं हैं- एक दीर्घकालिक योजना, एक अल्पकालिक योजना और एक मध्यावधि योजना।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि पर भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर एक बैठक हुई। सरकारी सूत्रों के मुताबिक बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के बीच कई सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया।
खबरों के मुताबिक नई दिल्ली अपने फैसले को लागू करने के दौरान कानूनी चुनौतियों सहित हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। अगर पाकिस्तान विश्व बैंक से संपर्क करने का फैसला करता है, तो भी भारत ने अपनी प्रतिक्रिया तैयार कर ली है और प्रभावी ढंग से जवाब देगा।
सिंधु जल संधि को लेकर भारत के पास कई प्लान
सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद भारत कई उपायों पर विचार कर रहा है, जैसे कि विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाना, जिन पर पाकिस्तान ने संधि के प्रावधानों में से एक का हवाला देते हुए आपत्ति जताई थी। सिंधु जल संधि में एक प्रावधान था कि भारत को किसी भी नई परियोजना पर काम करने के लिए पाकिस्तान को 6 महीने का नोटिस देना होगा।
खबरों के मुताबिक भारत पाकिस्तान को बाढ़ और सूखे के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हाइड्रोलॉजिकल डेटा प्रदान करना बंद करने पर भी विचार कर रहा है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि निर्णय को लागू करते समय भारतीय नागरिकों को कोई असुविधा न हो।
पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी का एक्शन
भारत ने आधिकारिक तौर पर निर्णय की अधिसूचना जारी की इससे पहले गुरुवार को नई दिल्ली ने जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर इस्लामाबाद द्वारा लगातार सीमा पार आतंकवाद का हवाला देते हुए अपने निर्णय की आधिकारिक तौर पर अधिसूचना जारी की।
भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को संबोधित एक पत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है। इसके अलावा सिंधु जल संधि को रोके जाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक के दौरान लिया गया है।