India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Assembly Election 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के अलावा एनसीपी का कोई भी वरिष्ठ नेता नजर नहीं आया। इसके बाद इस बात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि महायुति के भीतर सब कुछ ठीक है या नहीं। पीएम मोदी की रैली में अजित पवार के न आने के कई कारण बताए जा रहे हैं। इसमें कारोबारी गौतम अडानी पर उनका बयान और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की आलोचना शामिल है। इससे पहले पीएम मोदी की पुणे रैली के मंच पर दोनों लोग बात करते नजर आए थे, लेकिन 14 नवंबर को मुंबई की रैली में इसका उलट देखने को मिला।
कितनी सीटों पर कौन लड़ रहा चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना 81 सीटों पर और बीजेपी सबसे ज्यादा 149 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके साथ ही आरपीआई, युवा स्वाभिमान पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष और जनसुराज्य पक्ष भी महायुति का हिस्सा हैं, जो एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अजित पवार ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री को उन सीटों पर प्रचार करने की जरूरत नहीं है, जिन पर उनके उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
क्या हो सकती है वजह?
अजित पवार के इस बयान और उनके नेताओं के बीजेपी और पीएम मोदी से दूरी बनाने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। जानकारों के मुताबिक एनसीपी के वोटर मुस्लिम और ईसाई रहे हैं, शायद यही वजह है कि उनकी पार्टी अपने वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करके बीजेपी से दूरी बना रही है।
इसके अलावा महाराष्ट्र में जगह-जगह सीएम योगी के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले पोस्टर लगाए गए थे। इसके बाद अजित पवार ने कहा था कि वह ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करते हैं और महाराष्ट्र में यह सब नहीं चलता। और इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी, शाह या योगी को एनसीपी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने की जरूरत नहीं है।
एक वजह यह भी हो सकती है कि अजित पवार बीजेपी में रहते हुए भी धर्मनिरपेक्ष बने रहना चाहते हैं, ताकि मुस्लिम और ईसाई वोटर उनसे छिटक न जाएं। इसके अलावा धर्मनिरपेक्ष छवि के सहारे वह पिछले चुनाव जितनी ही सीटें जीतेंगे। यदि यह वास्तव में संभव हो गया तो कई और दरवाजे खुल जायेंगे।