India News (इंडिया न्यूज), Cyber Security: भारत में रोजाना साइबर फ्रॉड(Cyber Fraud) के अलग अलग मामले सुनने को मिलते है जिसने ना सिर्फ पीड़ितों की, बल्कि, एजेंसियों की नींद भी उड़ा रखी है। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा है कि अबतक किसे के पर्सनल डाटा या आधारकार्ड, पासपोर्ट डाटा ना तो लीक हुआ है और ना ही डार्क वेब पर उपलब्ध है। ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि, ये जानकारी खुद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में दी है। इनके मुताबिक, UIDAI की ओर से मेंटेन की जाने वाली संस्था सेन्ट्रल आइडेंटिटीज डाटा रिस्पोजिटरी (CIDR) से किसी का आधारकार्ड डाटा लीक नहीं हुआ है।
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भारत में साइबर सुरक्षा(Cyber Security) से संबंधित जानकारी देने वाली एजेंसी द इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) है जो IT एक्ट, 2000 के सेक्शन 70 B के तहत नॉमिनेटेड है।
इस एजेंसी के मुताबिक, साल 2022 की तुलना में साल 2023 में करीब 2 लाख से ज्यादा मामले साइबर सुरक्षा(Cyber Security) की घटना से जुड़े दर्ज हुए और बीते 5 सालों में साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी 59,39,890 घटनाएं घटी। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
अगर आंकड़ों पर एक नजर डालें तो साल 2019 में साइबर सुरक्षा घटनाओं की संख्या 3,94,499 , साल 2020 में 11,58,208, साल 2021 में 14,02,809 , साल 2022 में 13,91,457 सामने आई, जबकि, इससे जुड़ी साल 2023 में साइबर सुरक्षा की घटना के 15,92,917 मामले दर्ज हुए।
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सरकार ने दावा किया है कि देशवासियों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने अलग अलग साइबर सुरक्षा(Cyber Security) खतरों और चुनौतियों के प्रति पूरी तरह सजग और जागरूक है और नागरिकों के आधार कार्ड और पासपोर्ट डाटा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाई है।