India News (इंडिया न्यूज), Narendra Dabholkar murder case: नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में करीब 11 साल हो चुके हैं जिसके बाद कोर्ट का फैसला आया है। इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कब हुई थी दाभोलकर की हत्या?
बता दें कि, पुणे में दाभोलकर की हत्या के बाद फरवरी 2015 में गोविंद पानसरे की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसी साल अगस्त में कोल्हापुर में एमएम कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा सितंबर 2017 में गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मामले में पुणे पुलिस ने शुरुआत में मामले की जांच की। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साल 2014 में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली और जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े ईएनटी सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तवाड़े हत्या के मास्टरमाइंडों में से एक था। सनातन संस्था, जिससे तावड़े और कुछ अन्य आरोपी जुड़े थे, दाभोलकर की संस्था द्वारा किए गए कार्यों का विरोध करती थी।