India News (इंडिया न्यूज), Delhi Assembly Election Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब एक दशक से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी बुरी तरह चुनाव हारने की कगार पर है। वहीं भारतीय जनता पार्टी का लंबा वनवास खत्म हो गया है। अब तक के चुनाव नतीजों में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से काफी आगे नजर आ रही है। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 36 सीटें जीतनी जरूरी हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी 48 सीटों पर आगे चल रही है। इस बड़ी हार के बाद आम आदमी पार्टी के दोनों शीर्ष नेता दिल्ली विधानसभा में नजर नहीं आएंगे।
केजरीवाल विपक्ष के नेता भी नहीं बन पाएंगे
दिल्ली में आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई है। हालांकि, अभी अंतिम नतीजे आने बाकी हैं। इस लिहाज से देखें तो आम आदमी पार्टी पहली बार दिल्ली विधानसभा में विपक्ष में बैठने जा रही है। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल विपक्ष के नेता नहीं बन पाएंगे। दरअसल, दिल्ली में एक सदनीय व्यवस्था है। यहां विधान परिषद की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चुनाव हारने के बाद अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन जैसे आम आदमी पार्टी के बड़े नेता सदन से बाहर ही रहेंगे।
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आखिर कैसे तय होती है विपक्ष की भूमिका?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल का दर्जा पाने के लिए 10 फीसदी सीटें हासिल करना जरूरी है। दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी को विपक्षी दल का दर्जा पाने के लिए कम से कम 7 सीटें जीतना जरूरी है। दिल्ली के अब तक के चुनावी रुझान पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्ष की भूमिका में होगी। पार्टी के बड़े चेहरों में आतिशी और गोपाल राय सदन में नजर आएंगे। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी इन दोनों में से किसी एक को विपक्ष का नेता बना सकती है।
Arvind kejriwal On Delhi Election Result: हार के बाद केजरीवाल ने बीजेपी को दी बधाई | India News