India News (इंडिया न्यूज), Delhi Earthquake: 17 जनवरी सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में लोगों को अलार्म ने नहीं बल्कि भूकंप जगाया। सुबह 5.36 बजे दिल्ली के लोग ठंड के बजाय दिल्लीवासी इस भूंकप में कांप उठे। दिल्लीवासियों के लिए भूकंप कोई नई बात नहीं थी। अक्सर जब नेपाल, पाकिस्तान या आस-पास के इलाकों में धरती कांपती है तो दिल्लीवासी भी हिल जाते हैं। ऐसा लगता है जैसे दिल्लीवासियों का भूकंप से गहरा नाता है। लेकिन इस बार भूकंप कुछ अलग था। कहने को तो यह डरावना था। इसकी वजह भूकंप की तीव्रता भी नहीं थी। बल्कि एक रहस्यमयी आवाज थी। जी हां, दिल्ली में भूकंप के दौरान लोगों को धरती के अंदर से एक तेज आवाज सुनाई दी।
यह गड़गड़ाहट की आवाज थी। ऐसा लगा जैसे धरती हिल गई हो। भूकंप के साथ-साथ दिल्लीवासियों ने जो अजीब आवाज सुनी, उसने उनके होश उड़ा दिए। यह पाताल से आने वाली एक अजीब आवाज थी। कुछ लोगों ने इसकी तुलना समुद्र में उठती लहरों से की तो कुछ ने इसकी तुलना गड़गड़ाहट से की। अब सवाल यह है कि यह आवाज क्यों सुनाई दी। दिल्लीवासियों को ऐसी आवाज पहले क्यों नहीं सुनाई दी। जबकि भूकंप अक्सर आते रहे हैं। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
दिल्ली था भूकंप का केंद्र
दरअसल, आज दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र दिल्ली ही था। दिल्ली का धौला कुआं भूकंप का केंद्र था। इससे पहले दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र कहीं और रहा है। आज आए भूकंप का केंद्र जमीन से मात्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था। यही वजह रही कि भूकंप के झटके काफी तेज महसूस किए गए। इसके साथ ही एक गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनाई दी। कहा जाता है कि जहां भी भूकंप का केंद्र होता है, वहां अक्सर ऐसी आवाज सुनाई देती है।
पाताल लोक से आई रहस्यमयी आवाज!
माना जा रहा है कि भूकंप का केंद्र जमीन के इतने करीब होने की वजह से पूरे एनसीआर में इसके झटके काफी तेज महसूस किए गए। इसके साथ ही एक आवाज भी सुनाई दी। विशेषज्ञों के मुताबिक, सतह से कुछ किलोमीटर नीचे आने वाले उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा तीव्र होते हैं। इसी वजह से गड़गड़ाहट की आवाज आती है।
क्यों सुनाई दी यह गड़गड़ाहट?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप की उत्पत्ति की सतह से नीचे की दूरी और उससे निकलने वाली ऊर्जा के बीच सीधा संबंध है। यानी भूकंप का केंद्र जितना उथला होगा, उतनी ही अधिक ऊर्जा सतह तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, उच्च आवृत्ति वाली भूकंपीय तरंगें जमीन से होकर गुजरती हैं, जिससे कभी-कभी गड़गड़ाहट जैसी आवाजें आती हैं। यहां तक कि कठोर जमीन भी गड़गड़ाहट को बढ़ा सकती है।
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