India News (इंडिया न्यूज), Justice yashwant verma: 14 मार्च की रात करीब 11 बजे हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में आग लग गई थी। इसके बाद बड़ी मात्रा में नोट जलने की बात सामने आई थी। यशवंत वर्मा का कहना है कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने स्टोर रूम में कभी नकदी रखी थी। इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम बुधवार को वर्मा के आवास पर पहुंची। तुगलक रोड थाने से एक इंस्पेक्टर भी वहां पहुंचा। पुलिस ने आग लगने वाली जगह (स्टोर रूम) को सील कर दिया है।
इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 3 जजों की कमेटी बनाई है। सोमवार को जांच आयोग की टीम यशवंत वर्मा के घर पहुंची। इसके बाद दिल्ली पुलिस को स्टोर रूम सील करने का आदेश दिया गया। इस पर डीसीपी नई दिल्ली देवेश महेला, एक एसीपी और तमाम पुलिसकर्मी दोपहर 2:00 बजे जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पहुंचे और पूरे स्टोर रूम को सील कर दिया गया, जहां नोट जलाए गए थे। उनके साथ कोर्ट का सपोर्टिंग स्टाफ भी था, जो इस पूरे मामले में जांच आयोग की मदद कर रहा है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर पहुंची जांच कमेटी
बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना द्वारा गठित जांच कमेटी मंगलवार को जांच के लिए नई दिल्ली में तुगलक क्रिसेंट रोड स्थित हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर पहुंची। इस जांच टीम में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थीं।
जांच कमेटी ने स्टोर रूम का निरीक्षण किया
जांच टीम दोपहर करीब 1 बजे यशवंत वर्मा के आवास पर पहुंची और करीब 45 मिनट तक रुकी। टीम ने सरकारी आवास में स्टोर रूम का भी निरीक्षण किया, जहां 14 मार्च की रात को आग लग गई थी। जब दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे तो उन्हें तीन से चार बोरियों में नोट जलते हुए मिले। इसकी सूचना तुरंत फायर डायरेक्टर और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दी गई।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने तुरंत गृह मंत्रालय और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को इसकी जानकारी दी। इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश ने तीन जजों की एक जांच समिति गठित की, जो मंगलवार को वर्मा के सरकारी आवास पर पहुंची।