India News(इंडिया न्यूज),India-Pakistan Conflict: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत ने ठान लिया था कि पाकिस्तान को इसी चोट देनी है जिसे वो कभी न भूल पाए। वहीं अब ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया गया कि पाकिस्तान अब भी दर्द से कराह रहा है। भारत की मिसाइलों से जख्मी पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है। वहीं भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पहले से और भी ज्यादा खराब हो गए हैं। वहीं केवल भारत ही नहीं बल्कि कई ऐसे देश हैं जिन्होंने पाकिस्तान को घेरने की पूरी साजिश रच ली है। इतना ही नहीं भारत ने पहले ही सिंधु जल समझौता रद्द कर रखा है।
अब उसे कदम-कदम पर मात देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली चाल चल दी है। जी हां, एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान से फोन पर सीधी बात की है। वहीं अब भारत पाकिस्तान को और भी ज्यादा गहरी चोट देने की रणनीति तैयार कर रहा है। जयशंकर और तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की यह बातचीत इस बात का इशारा है कि शहबाज सरकार की टेंशन अभी और बढ़ने वाली है। जयशंकर के मुताबिक अब दिल्ली टू काबुल डायरेक्ट कनेक्शन बन गया है।
पाक को ये देश भी देगा गहरी चोट
कई बार दुश्मन को ही दोस्त बनाना पड़ता है। ऐसा ही कुछ तालिबान और भारत के बढ़ते रिश्ते को देखते हुए कहा जा सकता है। एस जयशंकर की अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के मंत्री आमिर खान मुत्तकी से यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग जैसी स्थिति बन गई है। वहीं अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते भी गर्त में हैं। वहीं भारत पाक तनाव के बीच भारत और अफगानिस्तान का नया रिश्ता और यारी पाकिस्तान के लिए एक बड़ी मुसीबत के तौर पर उभर सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें अफगानिस्तान वो मुस्लिम मुल्क है, जिसने खुलकर पहलगाम अटैक का विरोध किया था। और भारत का समर्थन भी किया।
जयशंकर की बात से पाक में बड़ी बेचैनी
अब सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या अफगानिस्तान के मंत्री से जयशंकर की ये बातचीत पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनेगी या नहीं? क्या शाहबाज सरकार के लिए ये कोई नई मुसीबत बनेगी? सबसे खास बात ये है कि जयशंकर ने पहली बार तालिबान के विदेश मंत्री से बात की है। एक तरह से ये तालिबान के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत है। इससे पहले भारत की तरफ से विदेश सचिव स्तर पर बातचीत हो चुकी है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि इसके पीछे जयशंकर का क्या दिमाग हो सकता है। जानकारों की मानें तो एस जयशंकर अफगानिस्तान के करीब जाकर पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहते हैं। वैसे भी पिछले कुछ समय से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तलवारें खिंची हुई हैं।
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