India News,(इंडिया न्यूज),Delhi Yamuna Flood: दिल्ली में यमुना नदी(Delhi Yamuna Flood) का लगातार बढ़ता हुआ जल स्तर एक बड़े संकट की ओर इशारा कर रहा है। बुधवार की शाम तक जहां यमुना नदी का जल स्तर 207.71 मीटर था तो वहीं अब यमुना नदी का जल स्तर 208.5 मीटर तक पहुंच गया है। जो कि, दिल्ली के लिए बूरी खहर के तौर पर है। बता दें कि, यमुना के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने व राहत केंद्रों में हर संभव सुविधा मुहैया कराने के निर्देश जारी किया।

मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों से घर खाली करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि, दिल्ली में कई जगह राहत केंद्र बनाए गए हैं। जरूरत पड़ने पर आसपास के स्कूलों को राहत केंद्रों बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ हीं आज यानी गुरुवार डीडीएमए की बैठक भी बुलाई है।

जल स्तर और बढ़ने की जताई संभावना

बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौराने सीएम केजरीवाल ने कहा कि बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, नीली छतरी टेम्पल, यमुना बाजार, गीता घाट समेत कई इलाकों में पानी भर गया है। मंगलवार को बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया था। इसे दिल्ली में पहुंचने पर यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा। यमुना में अभी जितना भी पानी आ रहा है, वह हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से होते हुए दिल्ली पहुंच रहा है। हथिनीकुंड बैराज को खोलने से यह सारा पानी आता है।

हमें इस बैराज की स्थिति की ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हथिनी कुंड में पानी छोड़े जाने की गति को थोड़ा कम करने के लिए कहा गया है। वहां से पानी भी निकालना जरूरी है, लेकिन जितनी तेज गति से दिल्ली की ओर पानी भेजा जा रहा है, अगर उसकी गति को कम कर दिया जाए तो यमुना के स्तर को और ऊपर जाने से रोका जा सकता है। बता दें कि, सचिवालय में हुई इस बैठक के बाद राजस्व मंत्री आतिशी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज की मौजूदगी में केजरीवाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। दो-तीन दिन से दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है।

प्रभावित स्थलों पर ना जाएं लोग- सीएम

बैठके के बाद हुए प्रेस वार्ता में सीएम ने कहा कि, यह भी देखने में आ रहा है कि कई लोग बाढ़ देखने जा रहे हैं और सेल्फी व वीडियो ले रहे हैं। इस स्थिति में लोग वहां न जाएं। अगर अचानक जल स्तर बढ़ गया तो जान को खतरा हो सकता है। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर आसपास के स्कूलों को बंद कर उन्हें राहत कैंप में तब्दील कर सकते हैं। अगर शौचालय और नहाने के लिए आसपास धर्मशालाएं और स्कूलों का अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ती है, तो ऐसा किया जाए।

इसके साथ केजरीवाल ने ये भी कहा कि, अभी रिहायशी इलाकों में यमुना का पानी पहुंचने की संभावना नहीं है। अगर ऐसा होगा तो घर खाली कराने सूचना समय से पूर्व दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर भी हमारी टीमें मुनादी करके लोगों को सचेत कर रही हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से कुछ नाले बैक मार सकते हैं। इससे कुछ जगह जलभराव हो सकता है। दिल्ली के छह जिलों में टेंट लगाए गए हैं। कैंप में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है।

लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 50 बोट तैनात

बता दें कि, दिल्ली के राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि, दिल्ली सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए 50 बोट का इंतजाम किया है। इन सभी बोट्स को पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक दो-दो किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है।

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