India News (इंडिया न्यूज), Dhankhar VS Kharge : शुक्रवार को सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन राज्यसभा में एक बार फिर से भिड़ गए। दोनों ही तरफ से जमकर नोकझोंक हुई। मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित करना पड़ गया। राज्यसभा में गर्मा-गर्मी और ज्यादा भढ़ गई जब खरगे ने सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगा दिया। जवाब में धनखड़ ने खरगे से मुद्दे पर बात करने की अपील की। खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए धनखड़ ने खुद को किसान पुत्र बताया।
वहीं खरगे ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मैं भी किसान मजदूर का बेटा हूं और आप मुझे दबा नहीं पाओगे। सदन में ये कोई पहली बार नहीं है जब खरगे और धनखड़ आमने-सामने भीड़ गए हो, इससे पहले भी दोनों के बीच 5 बार तीखी बहस हो चुकी है। एक बार तो खरगे ने पूरे सदन में धनखड़ पर अपमान का आरोप लगा दिया था।
5 मिनट तक चली दोनों के बीच बहस
सदन में नेता प्रतिपक्ष और सभापति के बीच करीब 5 मिनट तक बहस चलती रही। इसकी शुरुआत अविश्वास प्रस्ताव से हुई, जो कैमरे पर जाकर रूकी। सभापति ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं, वो 14 दिन बाद सदन के पटल पर रखा जाएगा। दोनों के बीच चल रही बहस के दौरान विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी कुछ बोलने के लिए उठे तो धनखड़ ने उन्हें कानून पढ़ाई की हिदायत दे दी।
सभापति ने कहा कि, प्रमोद तिवारी जी ध्यान रखिए 24 घंटे आपका यही काम है। आप लोग मेरे बारे में क्या-क्या बोल रहे हैं। मैं सब सुन रहा हूं। मैं किसान का बेटा हूं और कमजोरी नहीं दिखाऊंगा। देश के लिए मर जाऊंगा। मिट जाऊंगा।
‘आप मेरी बेइज्जती कर रहे हैं’
दोनों के बीच बहस के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने धनखड़ से कहा कि, आप नियम से सदन चलाइए। सत्ता पक्ष के लोगों को आप खूब बोलने देते हैं। वे लोग नियम तोड़कर बोलते हैं, लेकिन हमारे लोगों को आप बेइज्जत करते हैं। सभापति जी जो मेरी इज्जत नहीं कर रहे हैं तो मैं आपकी किस तरह से इज्जतजत कर सकता हूं। आप मेरी बेइज्जती कर रहे हैं। बहस के दौरान तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक और आप सांसद संजय सिंह ने भी कई आरोप लगाए।
कब-कब भिड़े धनखड़ और खरगे-
- 9 दिसंबर 2024 को जॉर्ज सोरोस वाले मामले को लेकर खरगे ने अपमान का आरोप लगाया था।
- 2 जुलाई 2024 को मानसून सत्र के दौरान जयराम रमेश कुछ बोल रहे थे। इस पर मजे लेते हुए धनखड़ ने कहा कि आप ज्यादा प्रतिभाशाली हैं. खरगे तुरंत उठ खड़े हुए और धनखड़ पर बिफर पड़े।
- 27 जून 2024 को मानसून सत्र में ही नीट को लेकर बहस के दौरान खरगे बेल में आ गए। इस घटना को सभापति ने राज्यसभा का काला दिन बताया था।
- मानसून सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खरगे मोहन भागवत के एक बयान को लेकर एक दूसरे से भिड़ गए।