India News (इंडिया न्यूज), Caste Census : देशभर में जाति जनगणना कराने के मोदी सरकार के फैसले के बाद भी राजनीतिक उठापटक जारी है। जाति जनगणना का श्रेय हर कोई लेना चाहता है। इसमें सबसे आगे कांग्रेस है, जो घोषणा के बाद से ही अपनी पीठ थपथपा रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता जाति जनगणना के फैसले को राहुल गांधी से जोड़ रहे हैं।
उनका मानना है कि जाति जनगणना को लेकर सरकार पर सबसे ज्यादा दबाव राहुल गांधी ने ही डाला था। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं, बीजेपी इन दावों को नकार रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया है, पिछले 11 सालों से इस पर काम चल रहा था। हमारा उद्देश्य समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाना है। सामाजिक न्याय हमेशा से हमारी नीति का केंद्र रहा है और इसलिए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
‘नेहरू जाति आरक्षण के खिलाफ थे’
कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति पर हमला बोलते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नेहरू जाति आरक्षण के खिलाफ थे। इसके लिए उन्होंने राज्यों को पत्र भी लिखा था। मंडल आयोग लागू होने के समय भाजपा सरकार का हिस्सा थी। कांग्रेस ने इसे रोक दिया। मंडल आयोग पर राजीव गांधी का क्या रुख था, यह सभी जानते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की आजादी के बाद यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो वंचितों को उनका हक दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसकी जानकारी गृह मंत्री ने करीब एक साल पहले दी थी।
‘राहुल गांधी को सर्वे और जनगणना में फर्क भी नहीं पता’
उन्होंने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्हें सर्वे और जनगणना में फर्क भी नहीं पता। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को नेहरू और राजीव गांधी के पत्र और बयानों को पढ़कर देश से माफी मांगनी चाहिए।