India News(इंडिया न्यूज), Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में एक बार फिर डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बता दें कि इस गंभीर रोग से पहले भी कई लोग पीड़ित हुए थे और अपनी जान गंवा बैठे थे और एक बार फिर इसकी लहर मध्य प्रदेश में चलनी शुरू हो गई है। बताया गया है कि आदिवासी गांव बहुल मंडला में करीब 150 लोग डायरिया का शिकार बन गए हैं वहीं 7 लोगों की मौत हो गई है। इलाज के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही लापरवाही करने वाले स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
मध्य प्रदेश में डायरिया की लहर
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले में पिछले दस दिनों में डायरिया और जलजनित बीमारियों से 5 महिलाओं और 1 बच्चे समेत 7 लोगों की मौत हो गई है और 150 लोग बीमार हो गए हैं। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. यतीन्द्र झारिया ने बताया कि घुघरी ब्लॉक के देवरहा बहमनी गांव के 4 और बिछिया ब्लॉक के माधोपुर गांव के 3 लोगों की डायरिया से मौत हो गई, जो ज्यादातर दूषित भोजन और पानी के कारण हुई थी।
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7 की मौत 150 बने शिकार
माधोपुर गांव निवासी सातवें व्यक्ति की शुक्रवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉ. यतीन्द्र झारिया ने बताया कि दोनों ब्लॉकों में डायरिया और जलजनित बीमारियों से करीब 150 लोग बीमार हो गए हैं। घुघरी ब्लॉक के कुछ मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है। झारिया ने कहा कि स्वास्थ्य दल इन क्षेत्रों में डायरिया पर नियंत्रण के साथ-साथ जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
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जागरूकता को बढ़ाने का प्रयास
शुक्रवार को एक अधिकारी ने बताया कि उमरिया जिले के दो गांवों में डायरिया के कारण पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य की जान चली गई। उन्होंने बताया कि मामले सामने आने के बाद क्षेत्र के स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्वच्छ जल और स्वच्छता की मदद से डायरिया को रोका जा सकता है।