India News (इंडिया न्यूज),  UK News: दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में भारतीय मूल के एक 47 वर्षीय पारिवारिक डॉक्टर को अपनी देखरेख में तीन महिलाओं के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है। इन तीनों में से एक महिला कैंसर से पीड़ित है. हैम्पशायर के हेवंत में स्टॉन्टन सर्जरी के पूर्व जनरल प्रैक्टिशनर मोहन बाबू को हाल ही में पोर्ट्समाउथ क्राउन कोर्ट में तीन सप्ताह की सुनवाई के बाद यौन उत्पीड़न के चार मामलों में दोषी ठहराया गया था।

ब्रिटिश अखबार द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 फरवरी को इसी अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद डॉक्टर को सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया था. अदालत ने सुना कि यौन हमले सितंबर 2019 और जुलाई 2021 के बीच किए गए। सबसे कम उम्र की पीड़िता 19 साल की है।

डॉक्टर की पत्नी भी उसी अस्पताल में करती थी काम

मोहन बाबू ने स्टॉन्टन सर्जरी कॉम्प्लेक्स में तीन महिलाओं को निशाना बनाया था, जहां वह अपनी पत्नी के साथ काम करता था। जूरी सदस्यों को बताया गया कि मोहन बाबू के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। उनके आचरण पर उन्हें बार-बार चेतावनी दी गई, जिसमें पीड़ितों को अनुचित तरीके से छूना और अनुचित टिप्पणियां करना शामिल था।

क्राउन कोर्ट ने उनके पूर्व कार्यस्थल पर एक रिसेप्शनिस्ट सहित पांच अन्य महिलाओं को उनके ‘अति परिचित’ व्यवहार के बारे में शिकायत करते हुए सुना, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की गई। अभियोजक मिरांडा मूर केसी ने अदालत को बताया कि अप्रैल 2018 में लोकम डॉक्टर के रूप में सर्जरी में शामिल होने के बाद मोहन बाबू ने महिलाओं को निशाना बनाया।

कैंसर मरीज को भी बनाया शिकार

मोहन बाबू के व्यवहार के बारे में पहली शिकायत उनकी पत्नी की सिफारिश पर शामिल होने के 16 महीने बाद अगस्त 2019 में आई थी। अभियोजक मूर ने अदालत को बताया कि मई और अगस्त 2019 के बीच बाबू ने 57 वर्षीय एक महिला के साथ आमने-सामने परामर्श किया, जिसे जून 2019 में अग्नाशय के कैंसर का पता चला था और अब उसकी मृत्यु हो गई है।

उन्होंने महिला के मामले का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि कैसे बाबू परीक्षण करने के नाम पर अनावश्यक और भद्दे कमेंट्स करता था और अपने पेशे का फायदा उठाकर मरीजों पर शारीरिक हमला करता था। घुटने और कूल्हे की समस्या का इलाज करा रही एक महिला मरीज ने कहा कि बाबू ने उसे गले लगाया और उसका फोन नंबर मांगा। जांच के बाद यह सामने आया कि कई अन्य महिलाओं ने बाबू के बारे में शिकायत की और उनकी जगह एक नए जनरल प्रैक्टिशनर की मांग की।

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