India News (इंडिया न्यूज), Dr. Imam Umer Ahmed Ilyasi: देश में जब भी हिंदू मुस्लिम कट्टरता की बात होती है तो अमूमन कह दिया जाता है कि पहले ये मुसलमान भी हिंदू ही थे। इस बात को लेकर विवाद बेशक रहता है लेकिन यह सौ आने सच है जिसे कोई मिटा नहीं सकता। कुछ को जबरन इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया गया तो कुछ ने अपनी मर्जी से किया। बीते दिनों एक पॉडकास्ट में इसी बात पर मुहर लगाने का काम किया था डॉ इमाम उमैर इलियासी ने। उन्होंने कहा था कि हमारे पूर्वज हिन्दू थे। चलिए इस आर्टिकल में बताते हैं कि यह कौन हैं और उनकी बात का इतना वजन क्यों है?
‘हमारे पूर्वज हिंदू थे’
शुभांकर मिश्रा ने इस पॉडकास्ट में डॉ इमाम उमैर इलियासी से पूछा कि क्या इस्लाम में कन्वर्जन हलाल है तो उन्होंने कहा कि नहीं। इस्लाम में इसे सही नहीं माना जाता। तब शुभांकर ने उनसे पूछा क्या आपके पूर्वज हिंदू थे। तब उन्होंने बताया कि हां मेरे पूर्वज हिंदू थे और मुझे सि बात पर गर्व है। मैं यदुवशियों के वंश से हूं। उन्होंने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इस्लाम धर्म उन्होंने अपनी मर्जी से अपनाया था। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पूर्वज एक हैं और हमें उन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए।
कौन हैं डॉ इमाम उमैर इलियासी
मुस्लिम धर्मगुरु का नाम डॉ. इमाम उमैर अहमद इलियासी अखिल भारतीय इमाम संगठन (AIIO) के मुख्य इमाम हैं। डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी को अखिल भारतीय इमाम संगठन द्वारा भारत के 5 लाख इमामों और लगभग 21 करोड़ भारतीय मुसलमानों का धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक माना जाता है। वो अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे भी पहुंचे थे।
डॉ. इमाम उमैर अहमद इलियासी इमाम संगठन का वैश्विक चेहरा हैं और इसलिए धर्म, अध्यात्म और अंतर-धार्मिक संवाद के सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं। हाल ही में डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी को पंजाब के देश भगत विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से सम्मानित किया गया। भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मस्जिद के इमाम को शिक्षा के सर्वोच्च पद से सम्मानित किया गया है।