India News (इंडिया न्यूज), Nagastra 1 Loitering Munition : आतंक और पाकिस्तान को लेकर भारत की नीतियों में बदलाव आया है। अब आतंकी हमला होने पर पड़ोसी देश के साथ बातें नहीं बल्कि तगड़ा वार होता है। हाल ही ऑपरेशन सिंदूर से आतंकिस्तान को करारा जवाब दिया गया। खास बता ये रही है कि इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल हुआ और उन्हीं का डंका बजा।
इस कड़ी में भारत के स्वदेशी ड्रोन ‘नागास्त्र-1’ का भी इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद पाक की हालत खराब हो गई। अब खबर है कि इस सफलता के बाद DRDO व इंडियन इंडस्ट्री मिलकर नागास्त्र-2 और नागास्त्र-3 जैसे अत्याधुनिक हथियार तैयार कर रहे हैं।
नागास्त्र-1 के आगे पाकिस्तान ने टेके घुटने
बता दें कि नागास्त्र-1 को DRDO और नागपुर की Solar Industries द्वारा मिलकर विकसित किया है। ये भारत का पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन है। हाल के भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बीच इसका इस्तेमाल हुआ और इसके असर ने पाकिस्तान को चारों खाने चित्त कर दिए।
असल में ये ड्रोन टारगेट के ऊपर जाकर खुद को विस्फोट कर देता है, जिससे दुश्मन के बंकर, वाहन और ठिकाने ध्वस्त हो जाते हैं। GPS आधारित टारगेटिंग, कम वजन और हाई एक्सप्लोसिव पेलोड इसकी खासियत है. इसे सोल्जर्स बैकपैक में ले जा सकते हैं और फील्ड में ही लॉन्च किया जा सकता है.
नागास्त्र की अगली पीढ़ी होगी और भी ज्यादा घातक
सोलर इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल ने बताया कि नागस्त्र के दो वर्जन- नागस्त्र-2 और नागस्त्र-3 ट्रायल फेज में हैं। इन ड्रोन की रेंज, पेलोड और सटीकता को और बेहतर बनाया गया है। ये ड्रोन मौजूदा युद्ध पैटर्न के हिसाब से AI आधारित टारगेट रिकग्निशन से लैस होंगे। इनके 2024-25 में सेना में शामिल होने की उम्मीद है।
सत्यनारायण नुवाल ने आगे कहा कि अगर आज अजरबैजान, आर्मीनिया, रूस और यूक्रेन के युद्ध देखें, तो युद्ध का पैटर्न पूरी तरह बदल चुका है. ड्रोन, रॉकेट और सटीक हमले अब युद्ध की दिशा तय कर रहे हैं। भारत इसी बदलते परिदृश्य को समझते हुए, अपनी रणनीति और हथियार प्रणाली को तेजी से अपडेट कर रहा है।