इंडिया न्यूज, हैदराबाद:

MEDICINES AND VACCINE FROM SKY : तेलंगाना में शनिवार को ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना की शुरुआत की गई। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि इस परियोजना के तहत ड्रोन से दवाओं और वैक्सीन की डिलीवरी की जाएगी। सिंधिया ने बताया कि फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में इसे शुरू किया गया है। बाद में डेटा के आधार पूरे देश में इसे शुरू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के 16 ग्रीन जोन में ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है और तीन महीने बाद इसके डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आइटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर पूरे देश के लिए मॉडल तैयार करेगी। सिंधिया ने बताया आज का दिन न सिर्फ तेलंगाना के लिए बड़ा है बल्कि यह आने वाले समय में पूरे देश के लिए होगा। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ड्रोन पॉलिसी तैयार कर लागू की गई है। उन्होंने आगे कहा कि इंटरैक्टिव एयरोस्पेस मैप तैयार किया जा रहा है। इस मैप और राज्यों की सहायता से विभिन्न जोन का चिन्हीकरण किया जा रहा है।

प्रयोग के तौर पर शुरू हुआ है प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ प्रोजेक्ट वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, नीति आयोग और हेल्थनेट ग्लोबल के जरिए तेलंगाना में शुरू किया गया है। यह प्रोजेक्ट एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था। इसके तहत विकराबाद जिले में चिन्हित एयरस्पेस पर ड्रोन के जरिए वैक्सीन की डिलीवरी की जा रही है। वहीं इस दौरान तेलंगाना के आईटी और उद्योग मंत्री रामा राव ने केंद्रीय मंत्री से हैदराबाद के बेगमपट हवाई अड्डे पर एविएशन यूनिवर्सिटी स्थापित करने की भी मांग की।

सरकार ने नई ड्रोन पॉलिसी में दी हैं कई छूट

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राष्टÑीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने नई ड्रोन पॉलिसी में कई छूट दी हैं। इसके चलते देश में अब ड्रोन की उड़ान में काफी आसानी हो रही है। पहले ड्रोन आॅपरेट करने के लिए 25 फॉर्म भरने पड़ते थे, लेकिन अब केवल पांच फॉर्म भरना पड़ता है। इतना ही नहीं, पहले 72 तरह की फीस भरनी पड़ती थी, पर अब इस फीस की संख्या केवल चार रह गई है। गौरतलब है कि ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं होती है। वहीं येलो जोन के लिए अनुमति जरूरी है, जबकि रेड जोन में ड्रोन की उड़ान पूरी तरह से प्रतिबंधित है।