India News (इंडिया न्यूज),  Opposition On Amit Shah: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. भीम राव अंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच तापमान गर्म हो गया है। इस बीच ये जानकारी सामने आ रही है कि, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शाह के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दाखिल किया है। विपक्ष ने इसे अंबेडकर और उनके संविधान का अपमान बताया, जबकि भाजपा ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताया। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी और उन पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया था। 

अमित शाह ने कही थी ये बात

अमित शाह ने संविधान के 75 साल पर बहस के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था, “अगर वे भगवान का नाम उतनी बार लेते जितनी बार अंबेडकर का नाम लेते हैं, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान के बाद विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया था। शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति के लिए अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। इस बयान पर टीएमसी नेता ने राज्यसभा के नियम 187 के तहत नोटिस दाखिल किया। नोटिस में कहा गया है कि अमित शाह की टिप्पणी संसद और संविधान निर्माता अंबेडकर की गरिमा का अपमान है। यह टिप्पणी लोकतंत्र के मूल्यों और सदन के सम्मान के खिलाफ है। वहीं, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस टिप्पणी को ‘अपमानजनक’ बताते हुए कहा कि यह अंबेडकर की विरासत और उनके विचारों का अपमान है।

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विपक्षी दलों ने किया प्रहार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने अमित शाह और भाजपा पर तीखा हमला बोला। खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस संविधान को कमजोर करना चाहते हैं और मनुस्मृति को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। अंबेडकर का अपमान करना भाजपा की विचारधारा का हिस्सा है। कई विपक्षी नेताओं ने भी शाह की टिप्पणी को अंबेडकर के विचारों और संविधान का अनादर बताया।

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