India News (इंडिया न्यूज), Earth Jupiter Alignment: अंतरिक्ष और विज्ञान का अध्ययन मनुष्य जितना भी कर लें, यह पर्याप्त नहीं है। क्योंकि खगोल विज्ञान भी इससे जुड़ा हुआ है। कई खगोलीय घटनाएं अक्सर सभी को हैरान कर देती हैं। इसी कड़ी में 7 दिसंबर को खगोल विज्ञान का बड़ा नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, जब पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति एक सीधी रेखा में होंगे। इसे खगोलीय भाषा में अपोजिशन कहते हैं। इस दौरान बृहस्पति पूरी रात आसमान में चमकता रहेगा, क्योंकि यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा। दिल्ली-एनसीआर के खगोल प्रेमी इस मौके को खास अंदाज में मनाने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ लोग इसे रतजगा भी कहते हैं।
इस कार्यक्रम का अनोखा नाम रखा गया
बता दें कि, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर के खगोल फोटोग्राफरों की एक टीम ने इस प्रोजेक्ट का नाम ज्यू ऑल रखा है। वे इस दुर्लभ खगोलीय घटना की तस्वीरें लेने के लिए नैनीताल स्थित आर्यभट्ट शोध संस्थान (एरीज) की वेधशाला में जुटेंगे। इस टीम में खगोलविद, डॉक्टर, इंजीनियर और उद्यमी शामिल हैं, जो अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद खगोल विज्ञान के इस खास मौके पर काम करेंगे। खगोलविदों के अनुसार, बृहस्पति इस समय पृथ्वी से करीब 611 मिलियन किलोमीटर दूर होगा। इस स्थिति में दूरबीन या दूरबीन से बृहस्पति को देखना बेहद आसान होगा। इसके चार बड़े चंद्रमा- आयो, यूरोपा, गेनीमीड और कैलिस्टो भी साफ दिखाई देंगे।
अत्याधुनिक दूरबीनों और कैमरों का इस्तेमाल..
बता दें कि, एनसीआर की टीम इस घटना के दौरान बृहस्पति के वायुमंडलीय बेल्ट और उसके चंद्रमाओं की विस्तृत तस्वीरें लेने की कोशिश करेगी। इस परियोजना के लिए टीम अत्याधुनिक दूरबीनों और कैमरों का इस्तेमाल करेगी। पूरे अभियान के दौरान करीब 12TB डेटा एकत्र करने की योजना है। इसके जरिए वे बृहस्पति की सतह पर होने वाले बदलावों और उसके गैलीलियन चंद्रमाओं की गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। टीम का मानना है कि यह परियोजना खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह आयोजन खगोल विज्ञान प्रेमियों और आम लोगों के लिए एक दुर्लभ अवसर है।