India News (इंडिया न्यूज), Eknath Shinde Devendra Fadnavis Ajit Pawar Fight: महाराष्ट्र की राजनीति का महासंग्राम अभी तक खत्म नहीं हुआ है। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच चल रही आपाधापी में बीजेपी के नेता सिर खुजाते आ रहे हैं और अब इस संग्राम में अजित पवार भी कूद गए हैं। दिलचस्प बात ये है कि अजित भी सीएम फेस पर दावेदारी नहीं कर रहे हैं। इस तरह फडणवीस का रास्ता तो साफ है लेकिन अजित और शिंदे के बीच ठन गई है। हुआ कुछ ऐसा है कि दोनों ने महायुती के सामने एक ही जैसी मांगे रख दी हैं। अब हालात ऐसे हैं कि पावरफुल नेताओं की जिद के बीच में पूरा संगठन फंसा हुआ है और आगे का रास्ता नहीं निकल पा रहा है।
अजित पवार का गुट अब सीधे तौर पर शिंदे गुट के पंगा लेता दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अजित पवार कैंप ने महाराष्ट्र सरकार में जो पोर्टफोलियो मांगे हैं उनमें से कुछ शिंदे की डिमांड के साथ क्लैश कर रहे हैं। अजित पवार अपनी डिमांड पूरी करवाने के लिए जी-जान से जुटे हैं, उन्होंने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। बताया जा रहा है कि क्लैश हो रहे पोर्टफोलियोज में पीडब्ल्यूडी, अर्बन डेवलपमेंट, फाइनेंस जैसे मंत्रालय हैं।
इस बीच आलाकमान परेशान हैं कि अगर शपथ ग्रहण यानी 5 दिसंबर से पहले मामला नहीं सुलझा तो क्या होगा? ऐसे में हीरो बनकर आए हैं मंत्री निर्मला सीतारमण और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम विजय रुपाणी, दोनों को तीनों पार्टियों के साथ बातचीत करते हुए मामला सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है। 23 नवंबर को नतीजे आए तो प्रचंड बहुमत देखकर महायुती के नेता खुशी से उछल पड़े लेकिन मालूम होता है कि जीत के बाद क्या होगा इस पर कोई तैयारी नहीं की गई थी।