India News (इंडिया न्यूज),BIT Mesra Sucide Case: देश के प्रसिद्ध शैक्षणिक में से एक बीआईटी मेसरा के इंजीनियरिंग के छात्र सौरभ सुमन ने आत्महत्या कर ली। सौरभ सुमन का शव गुरुवार रात को हॉस्टल से बरामद किया गया है। जमशेदपुर का रहने वाला सौरभ हॉस्टल नंबर 10 के कमरा संख्या 391 में अकेला रहता था। गुरुवार रात करीब 9.35 बजे कमरा बंद देखकर दोस्तों ने आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। काफी देर बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने हॉस्टल प्रबंधन और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया, तो सौरभ का शव पंखे से लटका मिला।
थैंक्यू पापा, थैंक्यू मम्मी, थैंक्यू प्रिंस चाचू…
बता दें, आत्महत्या करने से पहले उसने एक कागज के टुकड़े पर सुसाइड नोट लिख छोड़ा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। सुसाइड नोट में लिखा था-थैंक्यू पापा, थैंक्यू मम्मी, थैंक्यू प्रिंस चाचू… मुझे इतना सपोर्ट करने के लिए, इतना पढ़ाने के लिए। अब मुझसे नहीं हो पा रहा है। पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में लिखी बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई ढंग से नहीं कर पा रहा था। या उस पर जबरन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दबाव डाला जा रहा था। पढ़ाई का दबाव नहीं झेल पाने के कारण ही उसने कॉलेज के हॉस्टल में फंदे से झूल कर जान दे दी।
वहीं, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजन रो-रो कर कह रहे थे। सौरभ ये तुमने क्या कर लिया। क्यों पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़ कर चला गया। पढ़ाई को लेकर तुम्हे कोई शिकायत थी, तो तुमने पहले क्यों नहीं बता। मां रो-रो कर कह रही थीं- बेटा अब हम किसके सहारे जीएंगे, हमें कौन देखेगा।
दोस्तों ने कहा, काफी प्रेशर में रहता था सुमन
सौरभ सुमन जमशेदपुर की टेल्को कॉलोनी का रहने वाला था। सौरभ के कुछ दोस्तों ने दबी जुबान से बताया कि बीते सेमेस्टर में उसे दो-तीन सब्जेक्ट में बैक लग गया था, जिससे वह काफी तनाव में रह रहा था। दोस्तों से कहा करता था कि काफी प्रेशर है, अब उससे नहीं हो पा रहा है। वह खुद को मिटा लेगा। लेकिन दोस्त हमेशा उसका हौसला बढ़ाते थे। पढ़ाई में सहयोग भी करते थे। दोस्तों को लगता था कि तनाव की वजह से वह बहकी-बहकी बातें किया करता था। दोस्तों को भरोसा था कि उनके समझाने का असर सौरभ पर पड़ेगा और वह फिर से सामान्य हो पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेगा। लेकिन गुरुवार की सुबह उन्हें मनहूस खबर मिली। दोस्तों को भी भरोसा नहीं था कि सौरभ सचमुच अपनी इहलीला समाप्त कर लेगा।
सौरभ का शव देख दहाड़ें मार कर रोने लगे परिजन
जमशेदपुर से सौरभ के परिजन भी सूचना पाकर रांची पहुंचे और रिम्स गए, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव रखा हुआ था। पोस्टमार्टम रूप के बाहर शव देखते ही परिवार के सदस्य दहाड़ें मार कर रोने लगे। कहने लगे, सौरभ ये तुमने क्या कर लिया, तुम तो काफी बहादुर थे, दूसरों के सुख-दुख में खड़े रहते थे। तुम आत्महत्या नहीं कर सकते। पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था, तो हमलोगों को बताते। ये तुमने ठीक नहीं किया। साथ आए लोग सौरभ के परिजनों को संभाल रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में कागजी प्रक्रिया पूरी कर परिजन शव लेकर जमशेदपुर रवाना हो गए। देर शाम जमशेदपुर में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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