पिछले वर्षों में ब्याज दरों का इतिहास
- 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 2023-24 में 8.25 प्रतिशत कर दी गई थी।
- 2021-22 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत थी, जो कि पिछले चार दशकों का सबसे निचला स्तर था।
- 2020-21 में ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी, लेकिन उसके बाद ब्याज दर में कमी आई। 1977-78 के बाद यह सबसे कम ब्याज दर थी, जब 8 प्रतिशत ब्याज दर थी।
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2024-25 के लिए ब्याज दर का निर्णय
ईपीएफओ के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2024-25 के लिए 8.25 प्रतिशत ब्याज दर देने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद, यह ब्याज दर वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजी जाएगी। सरकार के अनुमोदन के बाद, यह ब्याज दर ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी।
ईपीएफ ब्याज दर का महत्व
यह ब्याज दर कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के खाताधारकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके भविष्य के वित्तीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विशेषकर, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए ईपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर उनके पैसों की वृद्धि और भविष्य में वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद करती है।
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अगले कदम
सीबीटी के द्वारा किए गए इस फैसले के बाद, सरकार की मंजूरी मिलने पर यह ब्याज दर ईपीएफओ के ग्राहकों के खातों में डाली जाएगी। ईपीएफओ की योजना के अनुसार, यह ब्याज दर उनके ग्राहकों को अगले वित्तीय वर्ष में मिलेगी, जिससे उनकी बचत में वृद्धि होगी और वे अधिक वित्तीय सुरक्षा महसूस करेंगे।
ईपीएफओ की यह निर्णय प्रक्रिया यह भी दर्शाती है कि संगठन कर्मचारियों की भविष्य निधि और उनकी बचत को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।
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