India News (इंडिया न्यूज), S Jaishankar On EU : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कुछ यूरोपीय देशों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत भागीदारों की तलाश कर रहा है, न कि ऐसे उपदेशकों की जो अपने देश में उन्हीं सिद्धांतों का पालन नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप को वास्तविकता का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आज उसे बहुध्रुवीयता की वास्तविकताओं का सामना करना पड़ रहा है।
आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम 2025 में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “जब हम दुनिया को देखते हैं, तो हम भागीदारों की तलाश करते हैं, उपदेशकों की नहीं। खासकर, ऐसे उपदेशकों की जो अपने देश में वही नहीं करते जो वे विदेश में करते हैं। यूरोप का कुछ हिस्सा अभी भी उस समस्या से जूझ रहा है।”
यूरोप पर विदेश मंत्री का तीखा हमला
जयशंकर ने आगे कहा, यूरोप वास्तविकता की जांच के एक निश्चित क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। वे आगे बढ़ पाते हैं या नहीं, यह हमें देखना होगा।” “अगर हमें साझेदारी विकसित करनी है, तो कुछ समझ, संवेदनशीलता, हितों की पारस्परिकता और दुनिया कैसे काम करती है, इसका एहसास होना चाहिए। जयशंकर ने वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली कोई भी महत्वपूर्ण घटना देश के लिए मायने रखती है।
इससे यूरोप पर बदलाव का दबाव बढ़ गया है। उन्होंने कहा, बहुध्रुवीयता की वास्तविकताएं सामने आ रही हैं। मुझे लगता है कि यह अभी भी पूरी तरह से समायोजित और आत्मसात नहीं हुआ है। अमेरिका ने नाटकीय रूप से अपने रुख में बदलाव किया है। चीन वही कर रहा है जो वह कर रहा था।
पहलगाम हमले पर EU का बयान
पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव है। इसको लेकर EU की टॉप राजनयिक काजा कालास ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार से शुक्रवार (2 मई) को अलग-अलग बात की। इसके बाद काजा कालास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर एक पोस्ट किया, जिसमें कालास ने कहा, स्थिति में तनाव बढ़ाने से किसी का भला नहीं होगा।
हालांकि उन्होंने सीमा पार पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करने की भूमिका को लेकर एक बार कुछ नहीं कहा, जिससे भारत दशकों से पीड़ित रहा है। इस बयान के बाद उनकी आलोचना हो रही है।