India News (इंडिया न्यूज), F-35 Or SU-57 Fighter Jet : इस समय भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही है। जहां एक तरफ हमारा पड़ोसी देश चीन 5वीं और 6वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ पिछड़े पाकिस्तान को भी जल्द ही खेरात में चीन से 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान मिल जाएंगे, लेकिन भारतीय वायुसेना के पास सिर्फ राफेल है, जो 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। ऐसी खबरें हैं कि भारत विदेशी कंपनियों से 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीद सकता है।
इस दौड़ में अमेरिकी एफ-35 और रूसी एसयू-57 लड़ाकू विमान सबसे आगे हैं। ये दोनों ही अपनी अलग-अलग क्षमताओं के लिए काफी लोकप्रिय हैं। दोनों ने ही भारत के बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया-2025 में हिस्सा लिया है। खास बात यह है कि दोनों ही विमान भारतीय वायुसेना को प्रभावित करने में लगे हुए हैं।
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अरबों डॉलर का हो सकता है सौदा
5वीं पीढ़ी के विमान हासिल करने की दौड़ में दुनिया के कई देश हैं, इसके अलावा रूस और अमेरिका भी इसमें शामिल हैं। अगर भारतीय वायुसेना कोई नया सौदा करती है, तो वह सौदा अरबों डॉलर का होगा। इसे हासिल करने के लिए अमेरिका और रूस दोनों ही पूरी कोशिश कर रहे हैं।
पड़ोसियों ने बढ़ाई भारत की चिंता
भारत पहले से ही पांचवीं पीढ़ी के विमान प्रोजेक्ट AMCA बनाने में लगा हुआ है। लेकिन जानकारी के मुताबिक इसे पूरा होने में कम से कम 10 साल यानी 2034 तक का समय लगेगा। लेकिन चीन ने भारतीय सीमा पार 200 J-20 स्टील्थ विमान तैनात कर दिए हैं। वहीं पाकिस्तान भी चीन से पांचवीं पीढ़ी के 40 J-35 लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है। ऐसे में अमेरिका और रूस को उम्मीद है कि भारत लड़ाकू विमानों को लेकर कोई डील कर सकता है।
रूस ने भारत को दिया सुनहरा सौदा
आपको बता दें कि भारत को लुभाने और डील हासिल करने के लिए रूस की सरकारी हथियार निर्माण कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने सुनहरा सौदा पेश किया है। कंपनी के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखीव ने घोषणा की है कि रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने SU-57E प्रोजेक्ट पर संयुक्त विकास का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा यह भारतीय पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के विकास में भी मदद करेगा।
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