India News (इंडिया न्यूज),Farmers Protest: तीनों काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के साथ पंजाब पुलिस ने सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा समेत अन्य नेताओं को हिरासत में लिया है। इस दौरान पंजाब पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई। दरअसल, सरकार ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर को खाली कराने की रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत यह कार्रवाई की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर (एयरपोर्ट रोड) पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई। दरअसल, पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल समेत प्रदर्शनकारी किसानों को एयरपोर्ट रोड से हटाने की कोशिश की, जिससे वहां माहौल गर्म हो गया। इस दौरान पुलिस ने खनौरी बॉर्डर से 200 किसानों को हिरासत में भी लिया।

मंत्री अनिल विज ने सुनीता विलियम्स की धरती पर सफल वापसी पर जताई ख़ुशी, कहा – ‘गीता’ और हिंदुस्तान की स्टार डिश ‘समोसे’ ले जाना नहीं भूलती सुनीता

पंजाब सीमा पर इंटरनेट सेवा बंद

इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर इंटरनेट भी बंद कर दिया। खबरों के मुताबिक, किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को सातवें दौर की बातचीत के बाद यह कार्रवाई की गई है। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह भी मौजूद थे।

इस बैठक में किसानों की मुख्य मांगों पर चर्चा हुई, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करना, किसानों पर दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेना जैसी मांगें शामिल थीं। इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और अगली बैठक 4 मई को होगी।

सरवन सिंह पंधेर-जगजीत सिंह डल्लेवाल हिरासत में

हालांकि, इस बैठक के बाद पिछले चार महीने से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल को हिरासत में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि सरवन सिंह पंधेर को जेल ले जाया जाएगा। वहीं, जगजीत सिंह दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। भूख हड़ताल पर बैठने की वजह से उनकी तबीयत काफी कमजोर है।

देखें Video

अब किसान नेताओं की हिरासत पर पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि AAP सरकार और पंजाब के लोग तीनों काले कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ खड़े थे। किसानों की मांगें केंद्र सरकार के खिलाफ हैं। एक वर्ष से ज्यादा हो गया है और शंभू और खनौरी बॉर्डर बंद हैं। पंजाब के व्यापारी और युवा बहुत परेशान हैं।

चीमा ने आगे कहा कि जब व्यापारी व्यापार करेंगे तभी तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और वे नशे से दूर रहेंगे। आज का एक्शन इसलिए हुआ कि हम चाहते हैं कि पंजाब के युवाओं को रोजगार मिले। हम शंभू और खनौरी बॉर्डर खोलना चाहते हैं। किसानों की मांगें केंद्र सरकार के विरुद्ध हैं और उन्हें दिल्ली या कहीं और प्रदर्शन करना चाहिए, लेकिन पंजाब की सड़कें बाधित नहीं करनी चाहिए।

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षात समारोह में पहुंचे राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, छात्रों को संस्कृति और सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए किया प्रेरित