Finance Bill in LokSabha: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में ‘द फाइनेंस बिल 2023’ पेश किया। हंगामें के बीच बिल पास कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 27 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
- अनुच्छेद 110 में इसका प्रावधान
- पेंशन के लिए समिति बनाई गई
- विपक्षी हंगामा करते रहे
बिल पेश करने के दौरान विपक्षी सांसदों ने अडानी समूह के मामले में जेपीसी जांच की मांग के लिए नारेबाजी की। बिल पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने और राजकोषीय विवेक बनाए रखने के लिए पेंशन प्रणाली पर वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।
क्या होता है फाइनेंस बिल
फाइनेंस बिल एक विधेयक है। जैसा कि नाम से पता चलता है यह देश के वित्त से संबंधित है। यह करों, सरकारी व्यय, सरकारी उधार, राजस्व आदि के बारे में हो सकता है। चूंकि केंद्रीय बजट इन चीजों से संबंधित है इसलिए इसे बजट सत्र में पारित किया जाता है।
लोकसभा के प्रक्रिया नियमावली के नियम 219 में कहा गया है: ‘वित्त विधेयक’ का अर्थ है भारत सरकार के अगले वित्तीय वर्ष के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने के लिए प्रत्येक वर्ष में पेश किया जाने वाला विधेयक और किसी भी अवधि में पूरक वित्तीय प्रस्ताव को प्रभावी करने के लिए एक विधेयक शामिल है। फाइनेंस बिल कई तरफ के होते है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 में इसका प्रावधान है।
यह भी पढ़े-
- सुप्रीम कोर्ट ने 2011 के फैसले को बताया गलत, कहा- बैन संगठन की सदस्यता यूएपीए लगाने के लिए काफी
- ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग पर 14 राजनीतिक दल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, CJI ने दी तारीख