S Jaishankar: भारत-चीन संबंधों को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत का नजरिया साफ कर दिया है। भारतीय प्रवासियों के साथ साइप्रस के लारनाका में विदेश मंत्री ने अपनी बातचीत के दौरान कहा कि “हमारी सीमाओं पर चुनौतियां हैं जो कोविड के दौरान बढ़ गई हैं। चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं क्योंकि हम एलएसी को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए सहमत नहीं हैं।”
मूल मुद्दों पर नहीं है कोई भी समझौता
आपको बता दें कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि “भारत को लेकर काफी उम्मीदें हैं क्योंकि हमें एक ऐसे देश के रूप में देखा जाता है जो समस्याओं को हल करता है। हमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में देखा जाता है और हमें एक स्वतंत्र देश के रूप में भी देखा जाता है।” उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि “मूल मुद्दों पर कोई भी समझौता नहीं है क्योंकि कोई भी देश आतंकवाद से उतना पीड़ित नहीं है जितना हम हैं। हम बहुत स्पष्ट रहे हैं कि हम कभी भी आतंकवाद को सामान्य और तर्कसंगत नहीं बनाएंगे।”
आतंकवाद को युक्तिसंगत बनाना है- जयशंकर
इसके साथ ही एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर एक परोक्ष हमला बोलते हुए नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर मजबूर करने के लिए आतंकवाद को एक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। साइप्रस में भारतीय प्रवासियों से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि “हम इसे कभी भी सामान्य नहीं करेंगे। हम कभी भी आतंकवाद को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर नहीं होने देंगे। हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं। लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंध होने का यह मतलब बहाना बनाना या दूर से देखना या आतंकवाद को युक्तिसंगत बनाना है। हम इसे लेकर बहुत स्पष्ट हैं।”
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