India News (इंडिया न्यूज), Najma Heptulla: एक बार फिर सियासी पारा चढ़ने वाला है, क्योंकि एक किताब सामने आई है। इसमें यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री और बीजेपी नेता नजमा हेपतुल्ला ने यह किताब लिखी है। उन्होंने इस किताब में बड़ा खुलासा किया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नजमा हेपतुल्ला सोनिया गांधी से कथित मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़कर 2004 में बीजेपी में शामिल हो गई थी। हाल की में उनकी एक बुक रिलीज हुई है। जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दरअसल उन्होंने अपनी आत्मकथा “इन परस्यूट ऑफ डेमोक्रेसी: बियॉन्ड पार्टी लाइन्स” में एक घटना का जिक्र किया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल पूरा मामला ये है कि, हेपतुल्ला ने किताब में कहा है कि सोनिया गांधी ने उन्हें फोन पर 1 घंटे तक इंतजार कराया। 1999 में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की अध्यक्ष चुने जाने के बाद नजमा हेपतुल्ला ने यह खबर देने के लिए बर्लिन से तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को फोन किया था, लेकिन उन्हें एक घंटे तक फोन लाइन पर रहना पड़ा, क्योंकि एक कर्मचारी ने उनसे कहा था कि “मैडम व्यस्त हैं”। हेपतुल्ला ने कहा कि आईपीयू की अध्यक्षता “एक ऐतिहासिक प्रथम और महान सम्मान था, भारतीय संसद से विश्व संसदीय मंच तक की मेरी यात्रा का शिखर।”
सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को किया था फोन
नजमा हेपतुल्ला ने सबसे पहले बर्लिन से प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन किया और उन्होंने तुरंत उनका फोन उठाया। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है, “जब उन्होंने यह समाचार सुना, तो वे बहुत खुश हुए, सबसे पहले इसलिए क्योंकि यह सम्मान भारत को दिया गया था और दूसरी बात यह कि यह सम्मान एक भारतीय मुस्लिम महिला को दिया गया था।” “उन्होंने कहा, ‘वापस आओ और हम जश्न मनाएंगे।’ मैं तुरंत उपराष्ट्रपति के कार्यालय से भी संपर्क कर सकती थी।
कभी लाइन पर नहीं आई सोनिया गांधी: नजमा हेपतुल्ला
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, नजमा हेपतुल्ला ने अपनी पुस्तक में आगे लिखा कि, “हालांकि, जब मैंने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और मेरी नेता सोनिया गांधी को फोन किया, तो उनके एक कर्मचारी ने पहले कहा, ‘मैडम व्यस्त हैं।’ जब मैंने उन्हें बताया कि मैं बर्लिन से एक अंतरराष्ट्रीय कॉल कर रही हूं, तो उन्होंने बस इतना कहा, ‘कृपया लाइन होल्ड करें।’ मैंने पूरे एक घंटे तक इंतजार किया। सोनिया मुझसे बात करने के लिए कभी लाइन पर नहीं आईं।”
उत्तरकाशी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस, मस्जिद कमेटी ने मुसलमानों से की खास अपील, जानें मामला
उस समय बेहद निराश थीं नजमा हेपतुल्ला
नजमा हेपतुल्ला ने अपनी किताब में आगे लिखा है, “वह वाकई बहुत निराश थीं। उस कॉल के बाद मैंने उनसे कुछ नहीं कहा। IPU अध्यक्ष पद के लिए अपना नाम आगे बढ़ाने से पहले मैंने उनकी अनुमति ली थी और उस समय उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया था। अगर हर देश, संस्कृति और परिवार के अपने खास पल होते हैं। घटनाएं इतनी महत्वपूर्ण और किसी तरह इतनी व्यक्तिगत होती हैं कि वे दैनिक जीवन के सामान्य प्रवाह से परे होती हैं, तो यह मेरे लिए ऐसा ही पल था। एक ऐसा पल जो इतना महत्वपूर्ण था कि इसने मेरे मन में हमेशा के लिए अस्वीकृति की भावना छोड़ दी।”