India News (इंडिया न्यूज), Delhi Airport News: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक बेहद दिलचस्प मामला सामने आया है। इस मामले में चार साधु आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे और खुद को हरिद्वारा अखाड़े का मुख्य पुजारी बताया। इसके बाद इन चारों ने ऐसी चाल चली जिससे एयरपोर्ट पुलिस की नींद उड़ गई। काफी मशक्कत के बाद एयरपोर्ट पुलिस ने चारों साधुओं को ढूंढ निकाला। इनकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि ये चारों साधु नहीं बल्कि ढोंगी और जालसाज हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के मुताबिक चारों आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय रिंकू नाथ, 22 वर्षीय साहिल नाथ, 35 वर्षीय रॉकी नाथ और 31 वर्षीय विक्की नाथ के रूप में हुई है। रिंकू, साहिल और रॉकी उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। जबकि, विक्की नाथ हरियाणा के सोनीपत इलाके का रहने वाला है। चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4)/3(5) के तहत गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, उनके कब्जे से उनके अपराधों के कई सबूत बरामद किए गए हैं।
ये है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, 23 मार्च को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन को इन चारों फर्जी साधुओं के बारे में एक पीसीआर कॉल मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शिकायतकर्ता गगन जैन को ढूंढ निकाला। गगन जैन ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से ग्वालियर (मध्य प्रदेश) का रहने वाला है और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वह एरोसिटी में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में शामिल होने आया था और लेमन ट्री होटल में ठहरा हुआ था। 23 मार्च को सुबह करीब 11:30 बजे उसने होटल से चेकआउट किया और अंदाज होटल की तरफ जा रहा था।
जब वह जेडब्ल्यू मैरियट होटल के गेट नंबर 5 के पास पहुंचा तो साधुओं के वेश में चार लोग उसके पास आए। उनके शरीर पर राख लगी हुई थी और पैरों में घंटियां बंधी हुई थीं। उन्होंने खुद को हरिद्वार अखाड़े का महायाजक और वेदों का जानकार बताया। गगन जैन ने आगे बताया कि उन्होंने उसके माथे पर तिलक लगाने की पेशकश की। उसने मना कर दिया। इस पर चारों ने कहा कि अगर वह गंगा मैया में आस्था रखता है तो उसे तिलक लगाने से मना नहीं करना चाहिए। यह सुनकर गगन ने चंदन लगवाने के लिए अपना माथा आगे बढ़ाया।
ऐसे दिखाया डर,फिर कर दिया कांड
गगन जैन ने बताया कि चंदन लगाने के बाद आरोपियों में से एक ने उससे दो रुपये मांगे और बदले में उसने 50 रुपये दिए। पैसे लेते समय चारों आरोपियों की नजर उसकी उंगली में मौजूद अंगूठी पर पड़ी। अंगूठी को ध्यान से देखते हुए आरोपियों में से एक ने कहा- बच्चे, तुम्हारी सोने की अंगूठी में दोष है। यह अंगूठी उसके सौभाग्य में बाधक है। चारों आरोपियों ने दावा किया कि वे उसकी अंगूठी को दोष मुक्त कर सकते हैं। चारों की बात सुनकर गगन डर गया और उसने अपनी अंगूठी उतारकर चारों आरोपियों को दे दी।
अंगूठी मिलने के बाद सभी ने उससे कहा कि वह वहां से चला जाए और पीछे मुड़कर न देखे, नहीं तो उसे नुकसान होगा। उनकी बातों से डरकर वह मौके से भाग गया। बाद में उसे अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। इसलिए उसने तुरंत पीसीआर को कॉल किया और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने शिकायतकर्ता गगन जैन के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर चारों की तलाश शुरू कर दी है।
चारों आरोपी गिरफ्तार
डीसीपी उषा रंगनानी के मुताबिक, इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से चारों आरोपियों की पहचान की गई। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से चारों आरोपियों को न सिर्फ ट्रेस किया गया बल्कि महिपालपुर इलाके से गिरफ्तार भी कर लिया गया। पूछताछ में चारों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ में यह भी पता चला कि चारों आपस में रिश्तेदार हैं और सपेरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। काफी समय से ये सभी साधु का वेश बनाकर इसी तरह लोगों को ठगने लगे थे।