इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली: जून के महीने के दौरान भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत सालाना आधार पर 17.9 प्रतिशत से बढ़कर 18.67 मिलियन टन हो गई, पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण सेल के आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। 2021 की इसी अवधि के दौरान, ईंधन की खपत 15.84 मिलियन टन थी। महीने-दर-महीने आधार पर भी, पिछले महीने के दौरान ईंधन की खपत में मामूली वृद्धि हुई।

कुल खपत का एक बड़ा हिस्सा डीजल से

भारत द्वारा उपभोग किए जाने वाले कुछ उत्पादों में नेफ्था, तरल पेट्रोलियम गैस, विमानन टरबाइन ईंधन, डीजल, पेट्रोल, स्नेहक, ग्रीस, बिटुमेन और पेट्रोलियम कोक शामिल हैं। कुल खपत का एक बड़ा हिस्सा डीजल से आता है। आंकड़ों से पता चलता है कि मोटर स्पिरिट या पेट्रोल की खपत में 23.2 फीसदी, डीजल में 23.9 फीसदी और एविएशन टर्बाइन फ्यूल की खपत में 129.9 की वृद्धि हुई है।

दूसरी लहर में हुई थी ईंधन की मांग कम

ईंधन की मांग में वृद्धि गतिशीलता में वृद्धि और अर्थव्यवस्था फिर से खुलने के चलते हुए है। इसके लिए विशेषज्ञ कोविड महामारी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पिछले साल की इसी अवधि के दौरान, भारत वायरस की दूसरी गंभीर लहर से जूझ रहा था, जिसने ईंधन की मांग को काफी हद तक सीमित कर दिया था।

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