India news (इंडिया न्यूज), Geneva: जिनेवा में इस समय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 54वां सत्र चल रहा है। इसी बीच यहां यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कल बिते सोमवार को प्रदर्शन किया। पीओके के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की।

पाकिस्तान प्राकृतिक संसाधनों का कर रहा दोहन

बता दें कि, यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के निर्वासित अध्यक्ष शौकत अली कश्मीरी ने कहा कि, “पाकिस्तान के कब्जे में हमारे लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारा विरोध 1948 से ही जारी है और पाकिस्तान से इस क्षेत्र को खाली करने के लिए कह रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान का नहीं है।” आगे उन्होंने कहा कि, पीओके में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा विशाल बुनियादी ढांचा को स्थापित किया गया है और हर जगह वे स्वतंत्र होकर घूम रहे हैं और लोगों को परेशान कर रहे हैं। इसलिए, हम वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से कहने की कोशिश कर रहे हैं कि वह इस बात को देखें कि पाकिस्तान को हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा है।

पीओके के नेता आगे कहते है कि, हम उनसे कश्मीरी लोगों की गरिमा का सम्मान करने के लिए, हमारी अभिव्यक्ति की आजादी और उन सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के लिए है जो हिरासत में हैं या पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा निषिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि, हम गुलामी, शोषण और प्राकृतिक संसाधनों की लूट का सामना कर रहे हैं।

आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर किया जा रहा प्रदर्शन

यूकेपीएनपी के प्रवक्ता नासिर अजीज खान इसको लेकर कहते हैं कि, गिलगित बाल्टिस्तान में लोग कई महीनों से महंगाई और आतंकवाद से परेाशान का विरोध करते हुए सड़कों पर हैं। उन्होंने आगे कहा कि, ‘यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी द्वारा यूएनएचआरसी के 54वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र के सामने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है ताकि पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में हमारे सामने आने वाले मुद्दे को उजागर हो सके। कई लोग बिजली बिलों पर भारी शुल्क, महंगाई, आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।’

इस विरोध प्रदर्शन में पश्तून, सिंधी, बलूच और साथ ही बांग्लादेश के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया है और उन्होंने संयुक्त रूप से चरमपंथ और आतंकवाद की निंदा की।

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