India News (इंडिया न्यूज़),CAA: नागरिकता संशोधन कानून (CAA)मार्च के पहले हफ्ते से लागू हो जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक CAA के नियम अगले महीने के पहले हफ्ते में लागू हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मार्च के पहले हफ्ते में या उसके बाद किसी भी दिन सीएए के नियम लागू हो जाएंगे, नियम लागू होने के साथ ही सीएए कानून लागू हो जाएगा। सरकार के उच्च पदस्थ ने सूत्रों को बताया है कि सीएए लागू करने के लिए बाकायदा पोर्टल तैयार किया गया है।

ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया

अधिकारियों की माने तो नियम तैयार हैं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी इसी वजह से ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा जिसमें उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

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सीएए में किसी भी भारतीय की नागरिकता को खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है। चाहे वह किसी भी धर्म का हो।

अमित शाह ने CAA को लेकर कही यह बात

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शनिवार को कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के नियम जारी किए जाएंगे और लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।

अमित शाह ने कहा, ”सीएए देश का कानून है और इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी। इसे चुनाव से पहले जारी किया जाएगा। इस बारे में किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना भी कांग्रेस नेतृत्व का वादा था।

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गृह मंत्री ने कहा ”जब बंटवारा हुआ, तो हिंदू, बौद्ध, ईसाई  हर कोई वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहता था। उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) इन लोगों को नागरिकता देने का वादा किया था और कहा था कि आप सभी का स्वागत है। लेकिन (कांग्रेस) नेताओं ने अपना बयान वापस ले लिया।

CAA को लेकर देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित होने और राष्ट्रपति से सहमति मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। चार साल से ज्यादा की देरी के बाद सीएए को लागू करने के लिए नियम बनाने की जरूरत है।

पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में विवादास्पद सीएए को लागू करने का वादा भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा था।

सीएए के तहत, केंद्र की मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई  को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।

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