India News (इंडिया न्यूज),Gyanvapi ASI Report: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से सात ज्ञानवापी परिसर के भारतीय वैज्ञानिक सर्वेक्षक (ASI) की सर्वे रिपोर्ट की कॉपी पांच लोगों को मिल गई है। सर्वे रिपोर्ट की कॉपी बैठक के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें दावा किया गया है कि सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि 32 जगहों पर सबूत मिले हैं जो हिंदू पक्ष के दावे को मजबूत करते हैं।
839 पन्ने की है ASI की सर्वे रिपोर्ट
839 पेज की रिपोर्ट में ASI की सर्वे रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद से पहले वहां हिन्दू मंदिर था, जो तोड़कर मस्जिद बनाई गई। ASI ने यह भी पाया है कि हिन्दू मंदिर का स्ट्रक्चर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है और मस्जिद बनाने में मलबे का उपयोग किया गया है। वहीँ, रिपोर्ट में दो तहखानों में हिन्दू देवी-देवताओं का मलबा मिला है। ASI की रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिन्दू मंदिर का भाग है। पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़ने में आदेश और तारीख मिली है। महामुक्ति मंडप लिखा पत्थर भी मिला है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजू खाने के सर्वे के लिए मांग करेंगे।
एएसआई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मंदिर के खंभों को हल्का-फुल्का बदलकर नए ढांचे में उपयोग किया गया है। साथ ही खंभों से नक्काशी मिटाने का भी प्रयास किया गया है। 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं, जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं। कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे हुआ था। 18 दिसंबर को वाराणसी जिला कोर्ट में एएसआई ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। 24 जनवरी को कोर्ट ने दोनों पक्षों को एएसआई रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।
ASI रिपोर्ट में क्या -क्या मिला
- 2 सितंबर 1669 में मंदिर तोड़ा गया था
- हिन्दू मन्दिर के भग्नावशेष के उपयोग करके मस्ज़िद बनाई गई
- मंदिर होने के 32 से ज्यादा सबूत मिले हैं
- देवनागरी, कन्नड़ और तेलुगु ग्रन्थों के सबूत
- जनार्दन रुद्र और उमेश्वर के नाम से इंक्रिप्सन मिले
- पिलर और प्लास्टर भी प्राचीन हिन्दू मंदिर के ही खम्भे थे। उसी को रियूज किया गया है
- मस्जिद मंदिर के पिलर पर बनाया गया