India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के ASI को इजाजत देने पर बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, “यह देश के लिए और सनातन धर्मी के लिए बहुत महत्वपुर्ण है। स्वतंत्र भारत में अब समय आ गया है कि हम गुलामी के चिन्हों को हटाकर सच्चाई उजागर करें उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सम्मानजनक निर्णय है और इस पर विश्वास करते हैं।”

गौरतलब है कि इससे पहले वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वक्षण की मंजूरी दी थी। इस पर सर्वक्षण टीम को 4 अगस्त को अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी। लेकिन मुस्लिम पक्ष इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया। जिस पर हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए वाराणसी कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।

हाई कोर्ट के फैसला के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया

हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष में तुरंत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।  हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील निजाम पाशा ने ASI सर्वेक्षण को रोकने की मांग चीफ जस्टिस के सामने रखी है। उन्होंने इस मामले पर तत्काल विचार करने के लिए कहा है। वहीं इस पर चीफ जस्टिस्ट ने कहा कि इस मामले पर जल्द विचार करके आदेश दिया जाएगा।

महिलाओं की याचिका

21 जुलाई को, वाराणसी जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने 16 मई, 2023 को चार हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक आवेदन पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया। हालांकि, जिला न्यायाधीश के आदेश ने वुज़ू खाना (स्नान तालाब क्षेत्र) को छोड़ दिया था क्योंकि शीर्ष अदालत के आदेश पर परिसर को सील कर दिया गया है।

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