India News (इंडिया न्यूज), Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा ने अपने 67 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। लेकिन, कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की कोई सूची जारी नहीं कर पाई है। दरअसल, राज्य में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। इस वजह से उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हो पाई है। मई में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस को सत्तारूढ़ भाजपा पर बढ़त हासिल है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 5 सीट पर की थी जीत हासिल
कांग्रेस ने लोकसभा में 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस सफलता से खुश होकर कांग्रेस पार्टी का प्रदेश नेतृत्व किसी अन्य पार्टी से गठबंधन नहीं करना चाहता है। लेकिन, कांग्रेस हाईकमान खासकर राहुल गांधी की योजना कुछ और है। वे राज्य के बाहर आगामी चुनावों के लिए अभी से रणनीति बना रहे हैं। राहुल गांधी की सलाह पर हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अखिल भारतीय गठबंधन के सहयोगी आप और सपा को कुछ सीटें देने पर बातचीत कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में कांग्रेस से 10 सीटें मांगी हैं।
हरियाणा में गठबंधन कर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर नजर
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। यहां एक लोकसभा क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं। अगर लोकसभा चुनाव का फॉर्मूला लागू होता है और अगले साल दिल्ली में विधानसभा के लिए दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होता है तो कांग्रेस इस आधार पर दिल्ली में 30 विधानसभा सीटों की मांग कर सकती है। फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। कांग्रेस पार्टी खासकर राहुल गांधी के करीबी नेता हरियाणा में गठबंधन के बहाने दिल्ली की योजना पर काम कर रहे हैं। इसमें राहुल गांधी के करीबी नेताओं की भूमिका काफी अहम है। दिल्ली के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन की भूमिका अहम मानी जा रही है। उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा और दीपक बाबरिया को भी इस टीम का हिस्सा बनाया गया है।
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