India News(इंडिया न्यूज), Hathras Stampede Absconding Bhole Baba : नारायण साकार हरि (Narayan Sakar Hari) उर्फ भोले बाबा, हाथरस भगदड़ कांड के बाद से फरार हैं। जहां एक तरफ पुलिस उनकी तलाश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भोले बाबा की पूरी जिंदगी और पुराने काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल रहा है। हाल ही में उनसे जुड़ा एक पुराना मामला उजागर हुआ है, जिसमें पता चला है कि भोले बाबा श्मशान में भी हंगामा मचा चुके हैं। बाबा की करतूत की वजह से उनके अनुयायियों को पुलिस की लाठी खानी पड़ी थीं।

दरअसल, भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है और वो एक वक्त पर आगरा के शाहगंज केदार नगर में रहते थे। उन्होंने अपने आगरा वाले मकान से ही प्रवचन देना शुरू किया था। 1998 में यूपी पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद सूरजपाल भोले बाबा बन गए थे। साल 1999 में सूरजपाल के घर में रहने वाली एक लड़की की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाबा पर इस लड़की को जिंदा करने की धुन सवार हो गई थी। उसे जिंदा करने के लिए बाबा लड़की को श्मशान घाट मलका चबूतरा ले गए थे। श्मशान घाट में भोले बाबा ने अनुयायियों की भीड़ इकट्ठा कर ली थी।

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श्मशान घाट में हंगामे की खबर लगते ही पुलिस पहुंच गई और जब भोले बाबा और अनुयायियों ने बात नहीं सुनी तो उन पर लाठी चार्ज हुई थी। नवभारत की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के खिलाफ आगरा के थाना शाहगंज में केस दर्ज हुआ और उन्हें पुलिस कस्टडी में रखा गया था और बच्ची का अंतिम संस्कार कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भोले बाबा के पड़ोसी ने बताया कि भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी और एक लड़की को उन्होंने गोद लिया था लेकिन एक बीमारी के चलते इस लड़की की मौत हो गई थी।

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