India News (इंडिया न्यूज), Court Gave 141 years imprisonment To Rapist Father : केरल की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ कई सालों तक बार-बार बलात्कार करने के आरोप में कुल 141 साल कैद की सजा सुनाई है, जानकारी के मुताबिक जब उसकी मां घर पर नहीं थी, तब आरोपी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाता था। मंजेरी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज अशरफ ए एम ने व्यक्ति को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम, IPC और किशोर न्याय अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत कुल 141 साल की कैद की सजा सुनाई।
हालांकि, 29 नवंबर के अदालत के आदेश के अनुसार, व्यक्ति को 40 साल जेल में रहना होगा क्योंकि यह उसे दी गई जेल की सबसे अधिक सजा थी और अलग-अलग सजाएँ एक साथ काटनी होंगी। अदालत ने दोषी पर 7.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। साथ ही आदेश दिया कि पीड़िता को मुआवजा दिया जाए। मामले से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोषी और पीड़िता तमिलनाडु के मूल निवासी हैं और सौतेला पिता 2017 से लड़की का यौन शोषण कर रहा था।
भारत में रेप के मामले
हर 20 मिनट में एक महिला के साथ दुष्कर्म होता है, यानी हर 3 घंटे में एक महिला इसका शिकार बनती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल महिलाओं के खिलाफ 4 लाख से ज्यादा अपराध दर्ज होते हैं। इनमें अपहरण, छेड़छाड़, तस्करी, दहेज हत्या और एसिड अटैक जैसे अपराध शामिल हैं। भारत में दुष्कर्म के मामलों में 96 फीसदी से ज्यादा आरोपी महिला के परिचित ही होते हैं। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद लड़की की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। निर्भया कांड के बाद कानून को काफी सख्त बनाया गया था।
पहले सिर्फ बिना सहमति या जबरदस्ती के बनाए गए संबंधों को ही दुष्कर्म माना जाता था, लेकिन साल 2013 में इस कानून में संशोधन कर इसका दायरा बढ़ा दिया गया। इतना ही नहीं किशोर कानून में भी संशोधन किया गया। इसके तहत अगर 16 और 18 साल से कम उम्र का कोई किशोर कोई जघन्य अपराध करता है तो उसके साथ भी वयस्क जैसा ही व्यवहार किया जाएगा।
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