India News (इंडिया न्यूज), Hindus Attacked in Bangladesh: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को खूब चोट पहुंचाई। वहीं अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने अपने खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ ढाका और चटगांव में प्रदर्शन किया। देशभर में मंदिरों, उनके घरों और कारोबार पर हो रहे हमलों के बीच उन्होंने सुरक्षा की मांग की। हिंदुओं की ओर से कहा गया कि अगर उनके खिलाफ हो रही हिंसा नहीं रुकी तो विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे। हालांकि नई सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को घृणित बताया और युवाओं से इसे रोकने की अपील की। ​​अब इस मामले को लेकर भारत के साधु-संतों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं।

भारत में संत समाज ने जताई चिंता

भारत में संतों ने रविवार (11 अगस्त) को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस मामले में केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। संतों की ओर से कहा गया कि अगर जरूरत पड़ी तो संत समुदाय बांग्लादेश कूच करने के लिए भी तैयार है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, उनके प्रतिष्ठानों को जलाया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है।

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बांग्लादेश कूच करेगा संत समाज

बता दें कि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले नहीं रुके तो जरूरत पड़ने पर भारत का संत समुदाय बांग्लादेश कूच करने को तैयार है। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए, ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान रह रहे हैं। उन्हें भी देश से बाहर किया जाना चाहिए, अन्यथा वे देश के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

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